ना फ़ितरत-ए-हिन्द संग्राम, ना फ़िक्र-ए-हिन्द अंज़ाम, हम विश्व गुरु के जन्में हैं, सौहार्द जहां पैगाम। यहां हर सेवक बजरंगी है, है मिट्टी चारों धाम, हर नारी रूप विराजे सीता, बच्चा-बच्चा राम। एक ज़बानी सुन ले दुश्मन, रख ले काम से काम, यलगार करेंगे घर में तेरे, देखे बिन परिणाम। यूँ मिलाना मिट्टी से, जब रहे ना मेरे प्राण, लहू के क़तरे से लिख देना, जय जवान-जय किसान। #happyindependenceday #jayjawanjaykisan #bharat #dearsdare