अनवरत "अनाम" संघर्षों के पश्चात यह मिलन घड़ी आई है भागती रही जिसके पीछे वर्षों से उसने आज बाहें फैलाई है कितनी ठोकरें, कितनी असफलताएँ हाथ आयी थी कितनी दफ़ा मैं काँटों की राह पर चली थी सब कुछ अब फलीभूत हो रहा है देखो सामने मेरा लक्ष्य ठहरा है। 🎀 Challenge-229 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।