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न जाने क्या तिलिस्म था उसपर, बिन बोले सब समझ लेती

न जाने क्या तिलिस्म था उसपर,
बिन बोले सब समझ लेती थी।
और अब देखो जमाने में सब,
सुनके भी अनसुना करते हैं।
मैं मेरी माँ की दुनिया हूँ सारी,
और ये दुनिया मेरा अस्त्तित्व पूछ लेती है।
मेरी माँ का हूँ मैं अनमोल रतन,
ये दुनिया मुझे पैसों में तौल देती है।
अब तो मुझे मेरी माँ के आगे,
ये कायनात धोखा लगती है।
मेरी माँ है तो है जहां सारा,
और किसी जहां को मैं जानता ही नहीं। #मां #मांकाप्यार
न जाने क्या तिलिस्म था उसपर,
बिन बोले सब समझ लेती थी।
और अब देखो जमाने में सब,
सुनके भी अनसुना करते हैं।
मैं मेरी माँ की दुनिया हूँ सारी,
और ये दुनिया मेरा अस्त्तित्व पूछ लेती है।
मेरी माँ का हूँ मैं अनमोल रतन,
ये दुनिया मुझे पैसों में तौल देती है।
अब तो मुझे मेरी माँ के आगे,
ये कायनात धोखा लगती है।
मेरी माँ है तो है जहां सारा,
और किसी जहां को मैं जानता ही नहीं। #मां #मांकाप्यार
vandanajain2291

Vandana Jain

New Creator