एक तरफा प्यार.....! एक तरफा प्यार दुःख बहुत देता है कही हिम्मत को तोड़ देता है तो कही किसी अज़नबी से तार जोड़ देता है एक तरफा प्यार का रास्ता हर किसी को रास नहीं आता कोई ख़ामोश तो कोई गुमनाम होता है ऐसा एक तरफ प्यार होता । इरादे मजबूत करके, एक तरफा इज़हार कर भी दिया नाज़िम मैं जानती थी राज़-ए-दिल तुम्हारे दिल का इसलिए मैंने माना कर दिया आँख नम ना हुई हो भाले ही अश्को से मेरे पर दिल के टुकड़े हजार हुए है शब्दो से तेरे। टुटा बिखरा पड़ा जो दिल है मेरे एक तरफा मकान में, सोचता हूं कि गुमनाम हो जाऊ, नाज़िम गुमनामी के माखान में । एक तरफा प्यार.....! एक तरफा प्यार #दुःख बहुत देता है कही #हिम्मत को तोड़ देता है तो कही किसी #अज़नबी से #तार जोड़ देता है एक तरफा प्यार का रास्ता हर किसी को रास नहीं आता कोई ख़ामोश तो कोई #गुमनाम होता है ऐसा एक तरफ प्यार होता ।