कुछ जगमगाते दिए, कुछ बुझी हुई सी रोशनी कभी लफ़्ज़ों से परे कभी खयालों से ऊपर कभी डगमगाते कदम उनको संभालती हुई सहमी सी वह कमल..... ©BINOदिनी #HumTum