अगर भीतर आपके, उस बाहर वाले के प्रति कोई सहायता ना हो, कोई सद्भावना ना हो, तो बाहर जितनी उल्टी घटनाएँ घटेंगी, भीतर से आप उतने मज़बूत होते जाएँगे। बाहर जितनी घटना प्रतिकूल होती जाएँगी, उतना भीतर का माहौल शांति और सच के और अनुकूल होता जाएगा। बाहर जितना अँधेरा छाएगा, आपको भीतर की रौशनी की उतनी ज़्यादा फ़िर अहमियत पता चलेगी. ~ आचार्य प्रशांत ©Kumar Ranjeet #अध्यात्मिकबातें #जीवन #विचार #सत्य #AacharyaPrashant #KumarRanjeet #Nojoto #nojotohindi