जलियाँ वाला बाग जी करे एक घटना मिटा दूँ, इतिहास के वो सारे पन्ने जला दूँ, की जजिसने ये करतूत उसको जिंदा कर फिर मौत के घाट उतार दूँ. मासूम लोगो के खून की होली जिसने खेली थी, उसके जिस्म का हर एक कतरा बहा दूँ, हां भर जाता है मेरे मन में इतना गुस्सा जब आता जलियांवाला बाग का सामने किस्सा.. वो दर्द भरी चीखें कानों को फाड़ने लगती हैं, यूँ लगता है जैसे जिया हो मैंने भारतीय इतिहास का वो दर्द भरा हिस्सा.. लौट लौट आते हैं वो दिन और दर्द चला आता है, सीने में लहू का हर कतरा उबाल मारता है, और हताश मन कहता है.. काश बदल देती में वो काला अध्याय मेरे देश के इतिहास से वो दर्द का पर्याय.. याद करती हूँ बस दुआ करती हूँ, कभी कम न होने दें हम तिरंगे की शान, जिसके लिए हजारों लोगों ने गंवा दी थी जान.. ©Lata Sharma सखी #jalliyanwalabagh #जलीया_वाला_बाग #जलियांवाला_बाग