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हाँ मैं अहिंसा का 14 हूँ मैं दुरात्मा मै नंगा हूँ

हाँ मैं अहिंसा का 14 हूँ
मैं दुरात्मा मै नंगा हूँ
मै फकीर भिखमंगा हूँ
हथियार मेरे धरना और अनशन
सिंगल पसली मैं बंदा हूँ
भेद सका न तोप का गोला
अंग्रेजों का मै पिल्ला हूँ
भीर पडी जब जब भक्तन पर
मुख डुक्कर सा कर लेता हूँ 
नपीतुली पंक्ति कहकर मैं 
आग लगा मै देता हूँ 
नारी का सम्मान है इतना
संग उनके ही रहता हूं 
शील भंग कहीं हो न जाए
सो संग नग्न ही सोता हूँ
चरखा मेरा प्रिय मित्र है 
फंदे दिन रात मैं बुनता हूँ
जन्म दिए है वीर माँओं ने 
उनको ही मै चुनता हूँ
हाँ हूँ मैं एक रोगी
चोर नशेडी मै ही राष्ट्र विभाजक हूँ
मैने ही मारे और मरवाऐ
वीर सपूत नरभक्षक  हूँ
मै ही वो कुकर्मी बूढा हूँ
जो स्वयं संत बन बैठा हूँ

#McKareemChandGazi

#Sadharanmanushya

©#maxicandragon हाँ मैं अहिंसा का 14 हूँ
मैं दुरात्मा मै नंगा हूँ
मै फकीर भिखमंगा हूँ
हथियार मेरे धरना और अनशन
सिंगल पसली मैं बंदा हूँ
भेद सका न तोप का गोला
अंग्रेजों का मै पिल्ला हूँ
भीर पडी जब जब भक्तन पर
हाँ मैं अहिंसा का 14 हूँ
मैं दुरात्मा मै नंगा हूँ
मै फकीर भिखमंगा हूँ
हथियार मेरे धरना और अनशन
सिंगल पसली मैं बंदा हूँ
भेद सका न तोप का गोला
अंग्रेजों का मै पिल्ला हूँ
भीर पडी जब जब भक्तन पर
मुख डुक्कर सा कर लेता हूँ 
नपीतुली पंक्ति कहकर मैं 
आग लगा मै देता हूँ 
नारी का सम्मान है इतना
संग उनके ही रहता हूं 
शील भंग कहीं हो न जाए
सो संग नग्न ही सोता हूँ
चरखा मेरा प्रिय मित्र है 
फंदे दिन रात मैं बुनता हूँ
जन्म दिए है वीर माँओं ने 
उनको ही मै चुनता हूँ
हाँ हूँ मैं एक रोगी
चोर नशेडी मै ही राष्ट्र विभाजक हूँ
मैने ही मारे और मरवाऐ
वीर सपूत नरभक्षक  हूँ
मै ही वो कुकर्मी बूढा हूँ
जो स्वयं संत बन बैठा हूँ

#McKareemChandGazi

#Sadharanmanushya

©#maxicandragon हाँ मैं अहिंसा का 14 हूँ
मैं दुरात्मा मै नंगा हूँ
मै फकीर भिखमंगा हूँ
हथियार मेरे धरना और अनशन
सिंगल पसली मैं बंदा हूँ
भेद सका न तोप का गोला
अंग्रेजों का मै पिल्ला हूँ
भीर पडी जब जब भक्तन पर