बनावटी दुनिया से अंजान खुल कर मुस्कुराया करती थी, उड़ती थी पंख लगा कर मैं बिंदास जिंदगी जिया करती थी। बनावटी जिंदगी जीना सीख गई और मुस्कान भी दिखावटी हो गई, जिम्मेदारियों की बेड़ियों में जकड़ गई हूं आरजू सब पराई हो गई। #अभिव्यक्ति_challengeमैंपहलेऔऱअब में आप सभी का स्वागत है। आज के प्रतियोगिता में आपको अपनी व्यक्तिगत रचना 2 से 4 पंक्तियों(प्रति) में लिखनी है। * रचना विषय के अनुरूप ही होना चाहिए शर्तो के अनुसार बेहतरीन तरीके से किए गए collab विजेता घोषित होंगे।😊🙏