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मैं तूफ़ानों में चलने का आदी हूँ तुम मत मेरी मंज़ि

मैं तूफ़ानों में चलने का आदी हूँ
तुम मत मेरी मंज़िल आसान करो

अंगार अधर पे धर मैं मुस्काया हूँ
मैं मरघट से ज़िन्दगी बुला के लाया हूँ
हूँ आँख-मिचौनी खेल चला किस्मत से
सौ बार मृत्यु के गले चूम आया हूँ
है नहीं स्वीकार दया अपनी भी..
तुम मत मुझ पर न कोई एहसान करो

©Deep Chakraborty
  मैं तूफ़ानों में चलने का आदी हूँ

मैं तूफ़ानों में चलने का आदी हूँ #शायरी

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