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ना जाने किस देश की बस्ती थी वो , रौशिनी न हो कर भ

ना जाने किस देश की बस्ती थी वो ,
 रौशिनी न हो कर भी रौशन कर रहा था ,
क्या हिन्दू , क्या मुस्लिम , शिक , इशाई 
मैं तहज़ीब देखा हर घर के आंगन में , 
ये देश मेरा भारत था ।। अब तलाश को निकला ये मंजर फिर से देखने मे , अब देखना है मंजिल सामने आती या मौत #quotes #quote #stories #poem #india #youth #love #freedom
ना जाने किस देश की बस्ती थी वो ,
 रौशिनी न हो कर भी रौशन कर रहा था ,
क्या हिन्दू , क्या मुस्लिम , शिक , इशाई 
मैं तहज़ीब देखा हर घर के आंगन में , 
ये देश मेरा भारत था ।। अब तलाश को निकला ये मंजर फिर से देखने मे , अब देखना है मंजिल सामने आती या मौत #quotes #quote #stories #poem #india #youth #love #freedom