गर तरिकी से मिलती कलेजे को ठंडक तो जरूरत क्या परवाने को मिटने की शमा पर कश्तियां डुबोए मांझी ही दरिया में तो जरूरत क्या जाने की साहिल पर ______ganesh vinayak मांझी