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जब कभी खोलता हूं, बरसों से बन्द अपने मन की तिजोरी

जब कभी खोलता हूं,
बरसों से बन्द 
अपने
मन की तिजोरी को,
यादों के अनगिनत पंख 
झरते हैं...

❣️ मां❣️ #माँ #तिजोरी #मन
जब कभी खोलता हूं,
बरसों से बन्द 
अपने
मन की तिजोरी को,
यादों के अनगिनत पंख 
झरते हैं...

❣️ मां❣️ #माँ #तिजोरी #मन
jitendrapratapsi6047

जीtendra

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