#PulwamaAttack किस और हम चले थे किस ओर जा रहे हैं दूबे कहीं ना अपना बढ़ता हुआ सफीना यह किन तारक क्यों के सैलाब आ रहे हैं किस और हम चले थे किस ओर जा रहे हैं भाग-1 हर कील पर टंगी है उदम बरसा लक्ष्मी गणेश अपने बोलो कहां सजाएं सबको किए कल्पित यहां दागदार पैसा । सब का बना हुआ है परवरदिगार पैसा । कितने दलित लगते यह फिल्म के रिसाले, नंगी नुमाय शों पर नाम कमा रहे हैं किस ओर चले थे किस ओर जा रहे हैं रचयिता निखिल पटेल विद्यापीठ इंटर कॉलेज बरौर कानपुर देहात का छात्र हूं क्लास 12 सब्जेक्ट मैथ क्लास टीचर अमित सचान जी