कहता आज हर इंसान तुझसे ये रो रोकर प्रकृति तू रहम कर प्रकृति तू रहम कर पश्चाताप कर रहा हूं तुझको बहुत सताकर प्रकृति तू रहम कर प्रकृति तू रहम कर बहुत बड़ी भूल की तुझको आजमाकर प्रकृति तू रहम कर प्रकृति तू रहम कर मेरी ही करतूत से हो गया सूना हर शहर प्रकृति तू रहम कर प्रकृति तू रहम कर पाव होते तेरे तो कहता उन्हें भी पकड़कर प्रकृति तू रहम कर प्रकृति तू रहम कर आँख भर आई अली मौत का मंजर देखकर प्रकृति तू रहम कर प्रकृति तू रहम कर कहता आज हर इंसान तुझसे ये रो रोकर प्रकृति तू रहम कर प्रकृति तू रहम कर बिहार और उत्तरप्रदेश में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से हताहत लोगों के प्रति सांत्वना प्रकट करते हैं हम। खेतिहर-मज़दूरों को हर तरफ़ से मार झेलनी पड़ती है। एक तरफ़ व्यवस्था तो दूसरी तरफ़ मौसम। ऐसे में अपनी आजीविका चलाने के लिए वो क्या करें। सवाल भी किस से करें। #आकाशीयबिजली #खेतिहर #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #nature #problems #poetry #stories #quotes