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सबसे बड़ा झूठ यह है, अगर कोई व्यक्ति कहता है कि मु

सबसे बड़ा झूठ यह है, अगर कोई व्यक्ति कहता है कि मुझे प्रसिद्धि नही चाहिए वो झूठ बोलता है क्योंकि आजकल हर व्यक्ति अपने मनचाहे क्षेत्र में मशहूर होना चाहता है और इसके लिए दो काम करना पड़ता है -
                 पढ़ने लायक कुछ ऐसा लिख दो, या
                  लिखने लायक कुछ ऐसा कर दो,,  
अगर इन दोनो मे से अगर कोई व्यक्ति करता है तो उसे उस रास्ते में डर से मुलाकात या सामना होता है वो डर इतना उस व्यक्ति पर हाबी होता है या होने लगता है कि वह भुल जाता है कि सफल होने के बाद क्या मिलेगा बल्कि वह यह सोचता है कि असफल हो गया तो क्या क्या सुनने और देखने को मिलेगा इसलिए कोई व्यक्ति करना तो दूर सोचने से भी डरता है, लेकिन अगर उसे करना है तो उसे इन चार लाइन पढ़ने की जरूरत है -
                   तालिम दी नही जाती परिंदों को उड़ जाने की,
                   वो खुद ही तय करते है मंजिल आसमानों की,,
                    जिनमें होता है कुछ कर जाने का हौसला,
                   उन्हें फिक्र नही होती जमी पर गिर जाने की,,

अगर व्यक्ति कुछ करना चाहता है तो उसे यह सोचने की जरूरत नहीं है कि मैं असफल हो गया तो, फेल हो गया तो,
कही ऐसा न हो की    "न घर का रहा ना घाट का रहा"
फिर क्या होगा मेरा,
                            और डर 
एक ऐसा दानव का नाम है कि उसे सही समय पर न रोका गया तो वह सफल होने की सारी सम्भावनाये को रोक देता है,
          डर क्या है ? (WHAT IS FEAR)...
डर एक ऐसा झूठ है जो हमे सच जैसा लगता है असल में डर का वाजुद होता ही नहीं है वह तो हमारे (दिमाग) द्वारा बनाया गया एक ऐसा झूठ होता है जो हमे सच जैसा लगता है असल में कुछ कर जाने वाले के लिए ये REAL मे होता ही नहीं है,
       हमारे दिमाग में जितने भी डर होते है वह कही न कही से आये होते है अधिकतर डर हमारे घर और समाज से मिला होता है यह मत करो, वह मत करो  तुम नही कर पाओगे इत्यादि यह बहुत सी बातें हमें बचपन में सिखाई जाती है जिससे की हमारे अंदर में डर बैठने लगता है, ऐसा वास्तव मे नही होता !!        "कुछ करने वाले के लिए"

                             पंकज कुमार

©Pankaj Kumar प्रसिद्धि और डर का तथ्य

#ValentinesDay
सबसे बड़ा झूठ यह है, अगर कोई व्यक्ति कहता है कि मुझे प्रसिद्धि नही चाहिए वो झूठ बोलता है क्योंकि आजकल हर व्यक्ति अपने मनचाहे क्षेत्र में मशहूर होना चाहता है और इसके लिए दो काम करना पड़ता है -
                 पढ़ने लायक कुछ ऐसा लिख दो, या
                  लिखने लायक कुछ ऐसा कर दो,,  
अगर इन दोनो मे से अगर कोई व्यक्ति करता है तो उसे उस रास्ते में डर से मुलाकात या सामना होता है वो डर इतना उस व्यक्ति पर हाबी होता है या होने लगता है कि वह भुल जाता है कि सफल होने के बाद क्या मिलेगा बल्कि वह यह सोचता है कि असफल हो गया तो क्या क्या सुनने और देखने को मिलेगा इसलिए कोई व्यक्ति करना तो दूर सोचने से भी डरता है, लेकिन अगर उसे करना है तो उसे इन चार लाइन पढ़ने की जरूरत है -
                   तालिम दी नही जाती परिंदों को उड़ जाने की,
                   वो खुद ही तय करते है मंजिल आसमानों की,,
                    जिनमें होता है कुछ कर जाने का हौसला,
                   उन्हें फिक्र नही होती जमी पर गिर जाने की,,

अगर व्यक्ति कुछ करना चाहता है तो उसे यह सोचने की जरूरत नहीं है कि मैं असफल हो गया तो, फेल हो गया तो,
कही ऐसा न हो की    "न घर का रहा ना घाट का रहा"
फिर क्या होगा मेरा,
                            और डर 
एक ऐसा दानव का नाम है कि उसे सही समय पर न रोका गया तो वह सफल होने की सारी सम्भावनाये को रोक देता है,
          डर क्या है ? (WHAT IS FEAR)...
डर एक ऐसा झूठ है जो हमे सच जैसा लगता है असल में डर का वाजुद होता ही नहीं है वह तो हमारे (दिमाग) द्वारा बनाया गया एक ऐसा झूठ होता है जो हमे सच जैसा लगता है असल में कुछ कर जाने वाले के लिए ये REAL मे होता ही नहीं है,
       हमारे दिमाग में जितने भी डर होते है वह कही न कही से आये होते है अधिकतर डर हमारे घर और समाज से मिला होता है यह मत करो, वह मत करो  तुम नही कर पाओगे इत्यादि यह बहुत सी बातें हमें बचपन में सिखाई जाती है जिससे की हमारे अंदर में डर बैठने लगता है, ऐसा वास्तव मे नही होता !!        "कुछ करने वाले के लिए"

                             पंकज कुमार

©Pankaj Kumar प्रसिद्धि और डर का तथ्य

#ValentinesDay
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Pankaj Kumar

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