बात दिल की होठो तक लाओ तो सही , ©कवि राहुल पाल बात दिल की होठों तक लाओ तो सही , क्या तकलीफ़ है तुम्हें बताओ तो सही । दिलों जान हाज़िर आपकी ख़िदमत में , फुर्सत में ही कभी पास आओ तो सही ।१। ज़ख्म गहरा है कितना दिखाओ तो सही , नब्ज़ आप अपनी ज़रा दबाओ तो सही । तुम्हारे हर मर्ज की दवा है मेरे पास हुजूर इक दफ़ा मुझ पर हक़ जताओ तो सही ।२।