" इन #सर्द रातों में नरम रजाई-सी तुम... इन #ठंडे दिनों में गर्म चाय-सी तुम... जितनी लगती हो #दिसम्बर-जनवरी जैसे करीब तुम... लेकिन पुरे एक साल जितनी दूर तुम... फर्क तो नहीं पड़ता इतने फासले का भी.... गुङ-रेवङी की जितनी मीठी एक रूहानी अहसास हो तुम....💕✍ ©fouji "Hindustani" #coldnights