सभी की प्यारी,दुलारी मेरी भी जान थी, शादी की बात पर ही मेरी आंखों में आँसूओ की धारा थी| बात हुई जब पक्की उसके शादी की, घर में सभी के चेहरे पे ख़ुशियाँ छाई थी| जब भी होती थी गपशप उसके शादी की, सभी की आँखें भर आती थी| बेटी के शादी के माहौल की वजह से, सभी के चेहरे पर ख़ुशियाँ झलक रही थी| कैसे बताए मेरे जीवन की वो अनमोल घड़ी कैसी थी, बेटी के कन्यादान के वक्त आँखों में आंसू तो दिल में खुशी थी| दिल में उस वक्त मेरे बड़ी खामोशी छाई थी, पंडाल में खड़ी भीड़ के बीच जब बेटी की बिदाई हो रही थी| (कैप्शन में पढ़े) 🎀 शीर्षक- "बेटी का कन्यादान" 🎀 समय सीमा- आज रात 12 बजे तक। 🎀 परिणाम की घोषणा- सुबह 7 बजे के बाद। 🎀 इस सुंदर शीर्षक के लिए कोई शब्द सीमा नहीं हैं।