सम्हा जलती रही उजाले को हवा चलती रही बुझाने को लाख कोशिश कर लें दुनिया मोहब्बत होती रहेगी जमाने को सुधीर कुमार शर्मा सुधीर कुमार शर्मा दिल की कलम से