अब वो आग नहीं रहीं, बस शोलो सा देहेकता हू मैं, ना जाने क्यों , फिजुल मैं क्यों खुदको कोसता हू मै । बनती बातें बिगड़ गई, बस अब उन्हे ठीक करने की कोशिश करता हु मैं, लेकर खुदकी हसती हुईं तस्वीर, अनजानों से पुछता हू, क्या यही हूं मै ? ©Tushar Thackeray #tunedtusharthackeray #Winter