किसने मारा कौन मरा नया भारत का आखिर स्वरूप है क्या भीड़ के हवाले इंसाफ को हमने कब सौपा इसी हिंदुस्तान पे गर्व करना है क्या, न अदालत बैठी न मुकदमा हुआ न कोई मुजरिम साबित हुआ आखिर न्याय कब मिला इसी न्याय की रक्षा अब पुलिस को करना है क्या? इतने अधीर हम कब हुए खुद के अधिकार छोड़ने को तत्पर न्याय का नाम अब बदला है क्या? विक्रम प्रशांत "टूटी पंक्तियाँ" #HamBolenge न्याय का बिगड़ा स्वरूप #nojotohindipoetry #tutipanktiyan #hindi_poetry