कभी वक्त मेरा था आज तेरा है कल सवेरा था आज अंधेरा है धरती पर अनेक जीवो का बसेरा है तुम कहते हो यह मेरा है यह तेरा है दुनिया में हर एक जीव का अलग-अलग चहेरा है जल्दी आगे वही बढ़ता है जो बहेरा है संभल के वही चलता है जिसके जीवन में पहेरा है ©Sanjiv Mahato मन के तराने #HandsOn