तू दूर कहीं पर मुझमें अभी बाकी है, दर्द बहुत पा चुका बस दवा बाकी है, चर्चे बहुत हो रहे इस बाजार में आदि, सासें रुक रही अब तो तेरी हवा बाकी है, कि सह सकता हूँ जमाने की हर बात तेरे खातिर, जो मुझे समझ सके बस वो इसांन बाकी है, हाँ तेरे हाथों में अब हाथ किसी गैर का है, पर तुम भी जानती हो, उन हाथों पर मेरे हाथों का निशान बाकी है। #निशान #anadi