जिदंगी कि किताब के पन्ने इतने है जनाब इनको पढते पढते जिदंगी ही खत्म हो जाती है इससे अच्छा तो पहले ही आखिरी पना पढ लिया जाए मौत का शायद जिदंगी की पढाई में पास हो जाए अंकुश