वो तीन जादुई शब्द आज, तड़पती बाह बुलाती, थोड़ा तुम भी समझो ना ये आंखे भी तरस जाती, थोड़ा तुम भी समझो ना ये कैसा प्रेम है तुमको, की दूर रहकर तुम खुश हो यहां मेरी जान है जाती , थोड़ा तुम भी समझो ना ©कवि आशीष कुमार पाण्डेय #ThreeMagicalWords