हमारा हुनर शेरों सा तुम्हारी पहुँच गज़लों सी, हमारा ख़्वाब बरगद सा हकीकत गमलों सी। हमें तुम मिलों भी तो कैसे आखिर हकीकत में, हमारी नींद आँखों में तुम्हारी पहुँच सपनो सी। लिखें हम रोज़ तुमको यूँ जैसे कहानी परियों की, तुम्हारा मिलना कुछ ऐसा कि कोई चाहत जन्नत सी। तुम्हें हम भूल भी जाएँ अगर हो बात किस्मत की, हमारी सिकुड़ती ज़िंदगी में तुम्हारी याद मन्नत सी। कोई गर हमसे ये पूछे कहो कुछ बात उनकी भी, कहें फिर कौनसा किस्सा गर हो बात उनकी ही। #yqhunar #yqsher #yqgazal #yqbaat #yqsaumitr