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स्त्री का श्रृंगार केवल तारीफ़ के लिए नहीं होता, ए

स्त्री का श्रृंगार केवल तारीफ़ के लिए नहीं होता,
एक वज़ह ये भी है कि, मर्द कहीं और मुंह ना मारे  !! ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के। 😊

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें। 💐

♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की।

♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।
स्त्री का श्रृंगार केवल तारीफ़ के लिए नहीं होता,
एक वज़ह ये भी है कि, मर्द कहीं और मुंह ना मारे  !! ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के। 😊

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