पता है,मुझे अक्सर लगता है मैं उन फूलों सा हूं जिनके हिस्से कभी ईश्वर के चरणों में अर्पित होना नहीं आया, जिनके हिस्से नहीं आया प्रेमिका के बालों पर सजना, जो रह गए किताबों में रखे जाने से... मैं भी उन फूलों जैसा हूं जिसके हिस्से नहीं आया प्रेम...!!! ©Vinay Sharma #raftaarfan