Nojoto: Largest Storytelling Platform
praveensingh8547
  • 23Stories
  • 7Followers
  • 193Love
    0Views

Praveen Singh

  • Popular
  • Latest
  • Video
009b8998c9508babe043ac247ef2fb98

Praveen Singh

#PulwamaAttack लिपटना है तो तिरंगे में लिपटो, नोटो में क्या रखा है
मरना है तो भारत की मिट्टी में , गैरों में क्या रखा है
लड़ना है तो देश के लिए, आपस में लड़ने में क्या रखा है
प्यार करना है अपने देश से , दुश्मनों में क्या रखा है
नाज करना हैं अपने जवानों पर , आतंकियों में क्या रखा है
शहीद होना फक्र है मेरा , आराम से मरने में क्या रखा है

©Praveen Singh #armylife #India #army #Hindi 

#PulwamaAttack
009b8998c9508babe043ac247ef2fb98

Praveen Singh

सिर्फ जिस्मों की कहां है हम मर्दों की मोहब्बत
क्यों खुलेआम हमें बदनाम करते हैं
ये हैं सिर्फ कुछ एहसासों की मोहब्बत
हम ये जो किसी के नाम करते हैं
बड़ी मेहनत से बनाई है एहतराम ए मोहब्बत
क्यों घटिया लोग नाश ये एहतेशाम करते हैं
आसान नहीं इस दुनिया में पाना सच्ची मोहब्बत 
और जब मिल जाए तो लोग बोलेंगे सरेआम करते हैं
अगर जीना मुश्किल है तो कीजिए मोहब्बत 
भाड़ में जाए लोग जो आपको परेशान करते हैं

©Praveen Singh जीना है मुश्किल तो कीजिए मोहब्बत

#zindagikerang

जीना है मुश्किल तो कीजिए मोहब्बत #zindagikerang #लव

009b8998c9508babe043ac247ef2fb98

Praveen Singh

प्यार करना है तो प्यार कीजिए
यूं ना कातिल नजरों से वार कीजिए
यूं ना दिल के टुकड़े हजार कीजिए 
प्यार करना है तो प्यार कीजिए
यूं ना ऐसे तरसा के इनकार कीजिए
छुपा के चेहरे को हमसे रुखसार कीजिए 
प्यार करना है तो प्यार कीजिए
यूं ना बच्चों जैसे तरीके में मनुहार कीजिए
यूं ना ऐसे अपने लिए तलबगार कीजिए 
प्यार करना है तो प्यार कीजिए
प्यार को जाहिर करिए ना यूं इसरार कीजिए
प्यार है तो हमारे इजहार का इकरार कीजिए 
प्यार करना है तो प्यार कीजिए

©Praveen Singh प्यार करना है तो प्यार कीजिए

#booklover

प्यार करना है तो प्यार कीजिए #booklover #लव

009b8998c9508babe043ac247ef2fb98

Praveen Singh

प्रेम पुरुष को शिशु बना देता है
प्रेम स्त्री को मातृ बना देता है
प्रेम शून्य को संसार बना देता है
प्रेम फूलों को श्रृंगार बना देता है
प्रेम प्रेमिका को स्वीकार्य बना देता है
प्रेम प्रेमी को तलबगार बना देता है

©Praveen Singh प्रेम बना देता है

#Love

प्रेम बना देता है Love #लव

009b8998c9508babe043ac247ef2fb98

Praveen Singh

इन दिलकश आंखों में इतना डूबे की होश ना रहा
इन प्यारी बातों में इतना घूमें की होश ना रहा
इन प्यारी नजाकतों में इतना डूबे की होश ना रहा
इन गालों की डिंपलों में इतना घूमें की होश ना रहा
इन होंठों के पोरों में ढूंढा ऐसा किनारा कि होश ना रहा
इन जुल्फों की कोमलता में इतना झूले की होश ना रहा
इन सपनों के शहर में इतना डोले कि होश ना रहा

©Praveen Singh डूबों ना इतना

#missingyou

डूबों ना इतना #missingyou #लव

009b8998c9508babe043ac247ef2fb98

Praveen Singh

कुछ और तस्वीर भेजो ना अपनी
तुम्हें तुमसे ज्यादा प्यार करना है

कुछ और बात करो ना अपनी
तुम्हें तुमसे ज्यादा पास रखना है

कुछ और किस्से सुनाओ ना अपनी
उन्हें तुमसे ज्यादा कहानी में गढ़ना है

कुछ और सपने दिखाओ ना अपने
उन्हें तुमसे ज्यादा प्रत्यक्ष करना है

©Praveen Singh तुम्हें तुम से ज्यादा

#Love

तुम्हें तुम से ज्यादा Love #लव

009b8998c9508babe043ac247ef2fb98

Praveen Singh

रंगों का खेल है अजब इस दुनिया की महफिल में
दिल से काले वाले पसंद आते हैं
और मेहनत के उजाले ना पसंद आते हैं
बाल से काले वाले पसंद आते हैं
और रातों के अंधेरे ना पसंद आते हैं
कपड़ों से काले वाले पसंद आते हैं
और चेहरे से काले ना पसंद आते हैं
जुबां से काले वाले पसंद आते हैं
और इंसान ये काले ना पसंद आते हैं
रंगों का खेल है गजब इस दुनिया की महफिल में

©Praveen Singh पसंद ही क्यों ना पसंद आते हैं

#beinghuman

पसंद ही क्यों ना पसंद आते हैं #beinghuman #विचार

009b8998c9508babe043ac247ef2fb98

Praveen Singh

मन कहता  गीत सुनाऊं 
प्रीत बढ़ाऊं रीति चलाऊं
मन कहता गीत सुनाऊं 
चित लगाऊं मीत बनाऊं 
मन कहता गीत सुनाऊं 
मंदिर मंदिर तुझे बसाऊं
मन कहता गीत सुनाऊं 
भाव जगाऊं दिल चुराऊं

©Praveen Singh मन कहता है
#Music

मन कहता है #Music

009b8998c9508babe043ac247ef2fb98

Praveen Singh

कालापन (दैहिक बनाम मानसिक) भाग 1



हम ईश्वर को श्याम(काला) स्वीकार कर लेते हैं लेकिन एक इंसान को नहीं।

काला, कालिया, कलूटा, कलमुहा, करिया, कल्लू इस बहुत सारे नाम है जो हमने किसी काले लड़के या लड़की मो मजाक में बोला होगा। क्या कभी हमने सोचा की उनके दिल पर क्या गुजरती होगी , लेकिन हमें क्या ही मतलब इस बातों से , हम समाज में शारीरिक कालेपन को लेकर बहुत बार मजाक उड़ाते हैं खास कर लड़कियों की जिंदगी तो बदतर बन जाती है इससे,

लेकिन ये कहानी समाज के दूसरे पक्ष यानी लड़के के दैहिक कालेपन और कुछ संकीर्ण सोच पर आधारित है।

शशिधर विश्नोई जी के तीन लड़के थे, विपुल, निशांत और दीपू। जिसमे विपुल और निशांत का रंग गोरा था जबकि दीपू का रंग काला,
विपुल पेशे से शिक्षक था और उसकी शादी  5 साल पहले हो चुकी थी उसके दो बच्चे थे बड़ी वाली लड़की थी सुची और दूसरा लड़का राधे।
निशांत के शादी को 2 महीने हो चुके थे वो चला गया क्योंकि उसकी छुट्टी खत्म हो चुकी थी

दीपू घर का सबसे छोटा बेटा था और वो घर पर ही रह कर पढ़ाई कर रहा था और उसे कंप्यूटर सीखने का बहुत शौक था वो वहां कुछ ना कुछ सीखता रहता था।

चूंकि निशांत की पत्नी अकेली और उदास रहा करती थी इस लिए दीपू ने उन्हें घर में ढलने में पूरी सहायता की 
दीपू का कभी कोई गलत इरादा नहीं रहा , सहायता इस लिए करता था कि उसकी भाभी को अपना घर छोड़ने और नए घर में आने का तकलीफ ना हो।

लेकिन उसकी इसी छोटी छोटी सहायता ने उसके चरित्र पर धब्बा लगाना शुरू किया। उसकी छोटी भाभी को काले लोगों से घृणा सी होती थी , वो अपने को सबसे सुंदर और उच्च मानती थी

और जब ये धब्बा एक बड़ा आकार लेने लगा तो एक दिन घर में किसी बात पर झगड़ा शुरू हो गया, और बात बहुत ज्यादा बढ़ गई।
उस दिन दीपू किसी काम से बाजार गया था 
वो कुछ काम से वापस घर पहुंचा तो उसे झगड़ा होता हुआ सुनाई दिया।
जब वो करीब पहुंच कर सुनने की कोशिश की तो झगड़े में उसका नाम था और उसकी छोटी भाभी उसका नाम लेकर बोल रही थी कि दीपू को देख कर उन्हें उल्टी आती है, घिन आती है उस तुच्छ कीड़े को देख कर , कभी कभी तो मन करता है कि उसे जहर खिला दी ताकि छुटकारा मिल जाए, वो काला सुवर यदि इस घर में रहा तो मैं नहीं रह सकती इस घर में,
सहायता करने के बहाने वो मेरे शरीर को छूता है और बोलने के बहाने गंदी नजरों से देखता है।
छोटी भाभी ने अपनी सासू मां से बोला कि आपको तो उस कालिये के पैदा होते ही मार देना चाहिए था , आपने बहुत बड़ा पाप किया है जो वो आज तक जिंदा है।
अगर कभी मुझे काला बच्चा पैदा हुआ तो मैं तो उसे मार डालूंगी, उस काले बोझ को मैं नहीं पालूंगी।

इतना बोल कर छोटी भाभी चुप हुई, तो बड़ी भाभी ने उनका विरोध करते हुए बोला कि तुम पहले मैं इस घर में ब्याह के लाई गई थी ना दीपू ने मेरे साथ कुछ कभी गलत किया और ना ही मेरे मायके से मेरी किसी बहन के साथ कुछ गलत हरकत की।

यहां तक कि इस गांव में भी जितनी औरते या लड़कियां है वो सब भी बहुत इज्जत करती है दीपू की।

माना की वो लोगों में बहुत जल्दी घुल मिल जाता है , उसने कुछ अच्छा ही सोच के तुम्हारी सहायता करनी चाही होगी।

लेकिन तुम्हे अपनी खूबसूरती और गोरी चमड़ी का इतना घमंड है कि शायद तुम्हे गंदी सोच के अलावा कुछ सूझा ही नहीं।

इतना बोल कर बड़ी भाभी मां के पास आई जो रो रही थी

बड़ी भाभी ने बोला की मां रो मत अपना दीपू कभी इतना घटिया काम नहीं कर सकता, आज तक ना किसी रिश्तेदारी में और ना ही किसी गांव से दीपू की बुराई सुनाई दी है, यहां तक कि मेरी बहने भी दीपू को बहुत सम्मान देती हैं। किसी के बोल देने पर आप दीपू के बारे में गलत मत सोचिए।
अभी कुछ देर में वो आता ही होगा बाजार से सामान लेकर l

इतना सब सुनने के बाद दीपू वापस चला गया बाजार
कुछ दूर जाने पर वो बाजार की जगह गंगा घाट की ओर घूम गया और घाट पर एक कोने की तरफ जाकर जोर जोर से रोने लगा। आज उसे ऐसा लग रहा था की उसका सब कुछ लूट गया, उसका सम्मान, उसका चरित्र, उसका रिश्ता।

बहुत देर तक रोने के बाद उसने अपना मुंह धोया और बाजार से बाकी समान लेकर घर पहुंचा।

वो बाहर से मुस्कुराने के बहुत कोशिश कर रहा था और इसमें वो कामयाब भी हो गया था,

शाम ढली सबने खाना खाया , 

आज दीपू ने 2 रोटी ज्यादा ही खाई,

फिर सब सोने को चल दिए,
दीपू ने अपनी मां से जिद कि की आज वो उनके पास ही सोएगा,
कुछ देर लेते रहने के बाद वो अपनी मां के पैर दबाने लगा,

उसकी आंखों से आंसू गिरने लगे लेकिन अंधेरे की वजह से कुछ दिखा नहीं मां को।

रात के किसी पहर को दीपू उठा ,मां पिता, के पैर छुए और एक पत्र लिख कर घर से रोता हुआ निकल गया।
उसे पता नही था की जाना कहां है लेकिन अब उससे उस घर में रहा नही गया जहां वो अपने बचपने को जिया था,
कुछ दूर जाने के बाद वो रास्ते से ओझल हो गया।

 
सुबह होने पर जब किसी को कही भी दीपू नहीं मिला तो सब परेशान होने लगे, फिर उनके हाथ दीपू का लिखा पत्र मिला जो भींगने की वजह से कड़ा हो गया था , जिसमे उसने अपने अंदर के दर्द को लिखा था, कई जगह के शब्द कुछ धुंधले हो गए थे आंसू गिरने की वजह से,

" मां अगर आप मुझे पैदा होते ही मार दी होती तो शायद मेरी वजह से इतनी लकलीफ ना उठानी पड़ती, आज जब मेरा अपना परिवार ही मुझे स्वीकार नहीं कर रहा तो मैं अपने इस प्यारे घर में कैसे रहूं, कैसे रहूं ये जान कर की मुझे देख के लोगों को उल्टी होती है , मैं घटिया निकृष्ट व्यक्ति को इस स्वर्ग जैसे घर में रहने का कोई अधिकार नहीं
इस लिए मैं यहां से जा रहा हूं, पता तो मुझे नही है की कहां जा रहा हूं , कभी लौटूंगा या नहीं ये भी नही पता, 

मां जो आप बेटे के प्रेम में उस वक्त नहीं कर पाई आज मैने वो कर दिया है, आज से आपके सिर्फ 2 ही सुंदर बेटे हैं, वैसे तो मेरा कभी कुछ रहा ही नहीं क्योंकि वो हम सबका था लेकिन आज से वो सिर्फ आपके 2 बेटों में रहेगा, मुझे आप लोगों से न कभी कुछ चाहिए था और ना ही कभी कुछ मांगने आऊंगा , इसलिए आप मेरे दोनो भाइयों को आपस में वो सब कुछ दे देना जो आप लोग मुझे देते, मुझे हमेशा से बस एक ही चीज आप लोगों से चाहिए था और वो था प्यार लेकिन शायद वो भी मेरे नसीब में नहीं था

और छोटी भाभी आपको मुझ निकृष्ट कीड़े का प्रणाम
जीवन में मैने कभी आपके लिए गलत नही सोचा लेकिन अगर मेरी वजह से कुछ ऐसा महसूस हुआ तो मुझे क्षमा कर दीजिएगा।🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾

और इसी के साथ पत्र पर लिखे शब्द ख़त्म हो गए और कुछ के चेहरे पर आंसू की पतली सी लकीर बहने लगी

तो छोटी भाभी ये सुन कर बहुत खुश हो गई 
आज उनके रास्ते का कांटा जो हट गया था..........

आज के लिए बस इतना ही...

कमेंट्स में जरूर बताइएगा की ये कहानी या विषय कैसा लगा

©Praveen Singh #Flower
009b8998c9508babe043ac247ef2fb98

Praveen Singh

राख के लाखों ढेर में कुछ अश्क बहाएं बैठे हैं
हम सब तो जिंदा है पर इंसानियत जलाए बैठे हैं
इस दर्द भरी चीख और पुकार से इंसान जग क्यों नही जाता
प्रकृति से ही तो जीवन है ये बात समझ क्यों नही जाता
अपना बचाव भी इंसान को दुसवार लगता है
जिंदगी एक खेल है और ये मज़ाक लगता है
टूट जाती हैं सांसे तो पछतावा होता है
लेकिन इन सबसे बचना एक ढोंग दिखावा लगता है।
उम्मीदों के दीए बुझने लगे तो बुझने मत देना
अगर मर रही है इंसानियत तो मरने मत देना
प्रकृति है तो जीवन है ये समझ ले इंसान
जीवन एक मजाक ये समझ मत लेना

©Praveen Singh #इंसानियत #जीवन 

#rayofhope
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile