में अघोरी हूं , में संसारी हूं में दयाबान , में स्वेच्छाचारी हूं में मानी अभिमानी हूं , में ज्ञानी अज्ञानी हूं , में काम , क्रोध , लोभ , मोह , मद , मत्सर्य हूं , में ही सदभाबी हूं में चेतना हूं , में प्राण हूं में ही भ्रम , में निष्प्राण हूं , में भय हूं , में साहस हूं में शक्ति हूं , में आलस हूं , में जीवित हूं , में ही मृत हूं में ही मस्तिष्क और में ही चित्त हूं , में पाप हूं , में पुण्य हूं , में अनंत में ही शून्य हूं , ................................................ ................................................ में तुम हूं , में में हूं में शिव हूं और शिव मे हूं ।