क्या बताऊं मेरी अपनी ही जिंदगी पराई हो गई writer shayar and poet ए जिन्दगी इतना भी गुरुर मत कर अपने अस्तित्व पे ये भी एक दिन मिट जायेगा जो छोड़ा था तूने बाकी वो भी यकीनन टूट जायेगा मंहगे आइटम लेकर मत निकला कर घर से किसी बुरी नजर वाले ने देख लिया तो सब लुट जायेगा
मुझे अपनी ही जिंदगी से इतनी नफरत हो गई
मुझे अपनी ही जिंदगी से इतनी नफरत हो गई
मुझे अपनी ही जिंदगी से इतनी नफरत हो गई
मुझे अपनी ही जिंदगी से इतनी नफरत हो गई