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mrking4076397333907
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Shivesh Raja

हम  दिल  से  हारे  बैठे  थे. हालात  के  मारे   बैठे   थे. और उसकी कुछ यादों के संग. बस नदी   किनारे   बैठे  थे. शिवेश राजा

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Shivesh Raja

White डोर कमजोर हो गई होगी.
रात से भोर हो गई होगी.
हमसे गाड़ी हमारी छूट गई. 
हां हमसे देर हो गई होगी.

©Shivesh Raja #sad_quotes
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Shivesh Raja

धोखे  से   गीदड़ओ   ने  जाके   सिंह  को  घेरा.
तब  काल  भी  गहराया  लगा  मौत  का  पहरा.
दोनों  तरफ   से  धांय  -  धांय   गोलियां   चली.
अंग्रेजीयत   की  शाख  तब  आजाद  से  हिली.
तब  काल   ने   भी   देखा   मंजर   संघार   का.
शायद  समय  भी  आ  गया  अंतिम  प्रहार  का.
जो आखरी गोली कि थी वो पिस्टल में डालकर.
माथे   पर   लगाते    ही   हुआ   जोरदार   स्वर.।।
एक  स्वप्न  उस   बरगद  के  तले  टूट  गया  था.
स्वाधीनता   का   ख्वाब   जैसे   लूट   गया   था.
लेकिन  गरज  के बोल पड़ा  धरती का लाल वो. 
आजाद तुझको कर ना सका मुझको मलाल वो. 
अंतिम    प्रणाम     मेरा     स्वीकार    करो   मां.
गोदी   में   बिठा    लो    मुझे   दुलार   करो  मां.
मरते   समय  भी  शौर्य   का   मैं   गान  करूंगा.
आजाद   था   आजाद     हूं    आजाद   मरूंगा.।।


चन्द्रशेखर आज़ाद जी की जन्म
 जयंती पर उन्हें शत शत नमन 💐🙏

©Shivesh Raja #ChandraShekharAzaad
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Shivesh Raja

हैं   प्रकटे   मेरे   राम  प्रभु   वसुधा   सारी  आह्लादित   है.
किलकारी सुन भ्राताओं की आसुरी शक्तियां भी बाधित है.
हे धन्य हो तुम कौशल्या मां तुमने एक युग को जन्म दिया.
पंछी भी  सुर में  गाते  हैं कण - कण  लगता  है  वादित है.

©Shivesh Raja
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Shivesh Raja

जब पल्लवित नव  पत्र होकर  मुस्कुराता है.

जब गीत  नूतन  वर्ष  का  मौसम  सुनाता है.

जब ब्रह्म खुद सृष्टि  की रचना गढ़ने लगते हैं.

जब राम  सिंहासन  की  ओर  बढ़ने लगते हैं.

जब मिलकर समूची  मेदिनी भी गुनगुनाती है.

जब कोकिला  आकाश  में गीतों  को गाती है.

तब हम  प्रकृति की गोद  में घर को सजाते हैं.

चैत्रशुक्ल प्रतिपदा पक्ष हिन्दू नववर्ष मनाते हैं.


🚩🚩🚩हिन्दू नव वर्ष 🚩🚩🚩

©Shivesh Raja
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Shivesh Raja

दिल में कुछ यार नहीं होता है. 
आठ नव दस बार नहीं होता है.
एक के बाद हो अगर तो फिर.
कुछ भी हो प्यार नहीं होता है.

©Shivesh Raja #Light
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Shivesh Raja

किसी के दर्द सीने  का कोई कब जान पाता है.
कोई  शीशा  जो टूटे कौन उसको जोड़ पाता है.
यहां सब अपनी -अपनी बात में मशगूल बैठे हैं.
नदी की आंख का पानी कोई कब देख पाता है.

©Shivesh Raja #Save
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Shivesh Raja

व्यर्थ  का  अपवाद बनती  जिंदगी.
एक  नया   संवाद  बनती  जिंदगी.
आप भी ग़र मुस्करा कर दर्द सहते.
तो एक सुहानी याद बनती जिंदगी.

©Shivesh Raja #diary
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Shivesh Raja

साल  दर   साल  यू  ही   बदलता  गया.
एक  पाषाण  पल - पल पिघलता  गया.
 ठोकरें  भी  लगी  दर्द  भी   खूब  मिला.
 पर मंजिलों की ललक में मैं चलता गया.

©Shivesh Raja #2023 

#Past
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Shivesh Raja

खास कुछ बन ने की खातिर आम होना पड़ता  है.

पूज्य  बन  पाने की  खातिर  धाम होना  पड़ता है.

साम से  ना  दाम  से ना बल पौरुष से मिलती हैं.

जानकी  पाने  के   खातिर  राम  होना  पड़ता है.

©Shivesh Raja #ramayan
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Shivesh Raja

कभी राधा लगाती है प्रभु घनश्याम की मेहंदी.

कभी सीता सजाती अवध के राम की मेहंदी.

बहुत ज्यादा से भी ज्यादा रचेगी देख लेना वो.

कोई जब भी लगाएगा हमारे नाम की मेहंदी.

©Shivesh Raja #lord_krishna
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