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asheeshpandey6838
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Asheesh Pandey

सारस्वत विचारधारा

asheeshpandeymnp@gmail.com

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Asheesh Pandey

White वक्त का कारवां हर पल एक नया मोड़ देता है! 
समय स्वार्थ वस जाने किस-किस को मोड़ देता है, 
हर किसी को सिंहासन और ताज चाहिए, 
जिसको मिल गया उसको राजमहल चाहिए, 
जिसको नहीं मिला उसे षडयंत्रों का नया साज चाहिए, 
यूं तो कहने के लिए सब अपने हैं, 
मगर आकाश को भी अपना जमीर बचाने के लिए पूरा जहां चाहिए, 
कहते हैं ताकत से दुनिया जीती जा सकती है, 
मगर दिलों को जीतने के लिए समंदर सा आसमान चाहिए, 
वह अमीर भी क्या अमीर है जिसे रुकने के लिए एक नया मचान चाहिए, 
उस सूरज से भी हम क्या रोशनी की उम्मीद करें, 
जिसे खुद रोशन होने के लिए जुगनू कि कमान चाहिए, 
उस सवेरे का क्या फायदा जिसको हर दिन एक नया कुर्बान चाहिए, 
ऐ वक्त मेरी परवाह न कर, 
इन दरिंदों से मेरी फरियाद न कर, 
मुझे तो नफरत हो या मोहब्बत दोनों बेपनाह चाहिए! 
आज शर्मिंदा हैं हम इस महफिल में, 
जिसके कभी हम सरताज हुआ करते थे, 
हां हम तुम सभी के हमराज हुआ करते थे, 
आज वह हमारे ईमान का सौदा कर रहे हैं, 
जिन्हें सिर्फ बेईमानों का शहंशाह चाहिए, 
लेकिन क्या रोक सकोगे इन बेईमान लहरों से मुझे, 
जिस सैलाब को खुद का रास्ता ही ना सूझे , 
मत इम्तिहान ले मेरी खुद्दारी का, 
मत दिखा मुझे खेल मदारी का, 
मैंने भी जीवन में बहुत खेल देखे हैं, 
मैंने नकली सिकंदरों को खाली हाथ देखें हैं, 
वक्त का पहिया तुम पर भी भारी पड़ेगा, 
मैं तो कह रहा हूं लेकिन क्या तू कह सकेगा, 
यह समय हर किसी को कहीं ना कहीं जोड़ देता है, 
थोड़ा वक्त सही लेकिन सबको ब्याज सहित देता है, 
मैं 'आशीष, हूं सबको केवल ,आशीष, देता है, 
कसक दिल की हर किसी को अपनी टीश देता है, 

वक्त का कारवां हर पल एक नया मोड़ देता है! 

आशीष पाण्डेय

©Asheesh Pandey
  आवाज दिल से

आवाज दिल से #Poetry

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Asheesh Pandey

जीवन और संघर्ष

जीवन और संघर्ष #कविता

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Asheesh Pandey

संघर्ष और जीवन

संघर्ष और जीवन #कविता

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Asheesh Pandey

" श्वेत क्रांति 'से गांव-गांव बदल रही किसानों की तकदीर,

 खुशहाल किसान इस लक्ष्य से प्रतिबद्ध हर श्वेत क्रांतिवीर,


 श्वेत क्रांति वीरों ने हर मौसम हर कठिनाई को 

अपने फौलादी इरादों से सुगम बनाया है,

दुर्गम राहों धुंध की चादर में भी

 खुद को संकल्पित बनाया है!

तेज बौछारों बाढ़ की त्रासदी

ने भी इनके हौसलों को बढ़ाया है!


कोरोना महामारी में प्रकृति ने सब को आजमाया है,

तब कोरोना वेरियरस बन सबने करतब दिखलाया है!

सीमा पर जवानों ने जिम्मेदारी उठाई,

तो पीड़ित जनसेवा की दवाई,

डॉक्टर वैरीयरस ने घर-घर पहुंचाई।


जब महामारी ने बंद किए कल कारखाने,

महानगर छोड़ गांव बन रहे थे अब सब के ठिकाने!

असहाय परिवारों पर पड़ रही थी आर्थिक मार

ऐसे में श्वेत क्रांति बनी किसान जन सेवा आधार

अब बारी थी श्वेत क्रांति वीरों की

डेयरी के इन सजग कर्म वीरों की

इन्होंने अपनी सेवा का लोहा मनवाया 

उन्नत पशुपालन स्वच्छ दुग्ध उत्पादन

से किसान की आजीविका  पालन करवाया!

ऐसा प्रेम  और समर्पण कहां मिलेगा


जहां पशुओं को भी गंगा' गौरी' जमुना 'के नाम से बुलाते हैं,

यह परिणाम है श्वेत क्रांति वीरों की क्रांति का,


ये जहां पर जाते हैं कुछ अपनापन  लिए हुए नए रिश्ते बनाते हैं।

चाचा, दादी, दादा, माता, बहनें, यह सब से 'आशीष' पाते हैं।

 डॉक्टर साहब, रूट ऑफिसर, इंचार्ज साहब कई नामों से लोग इन्हें बुलाते हैं।

जोश जज्बा जुनून सेवा इन्हें 'श्वेत क्रांतिवीर' बनाते हैं!!



आप सभी स्वस्थ और सुरक्षित रहें।


'आशीष कुमार पाण्डेय'

©Asheesh Pandey
  श्वेत क्रांतिवीर

श्वेत क्रांतिवीर #कविता

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Asheesh Pandey

#SaferIndia विश्वास और हम

#SaferIndia विश्वास और हम #ज़िन्दगी

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Asheesh Pandey

कभी अहंकार 'रावण' को भी आया था
खुद को शीर्ष समझ जाने कितनों को धमकाया था
हां ठीक तुम्हारी तरह उसने भी तानाशाही रवैया अपनाया था!!
उसकी   हठता    ने 
सारा साम्राज्य मिटाया था
समय रहते अपने पराए का ज्ञान
वह ना कर पाया था
अपने शुभचिंतक 'भाई' को भी अपना 'बैरी' बताया था
फिर क्या 'काल' उसके सर पर छाया था
सर्वनाश होने के बाद  वह भी 'राम'-'राम' चिल्लाया था।

हे मानव तू क्यों इतराता है
यश मान कीर्ति सब छलावा है
यह अहंकार एक धधकता हुआ 'लावा' है
और यह लावा एक दिन खुद धधक कर ठंडा हो जाता है।
लेकिन अपने आसपास सब कुछ जला कर राख कर जाता है।!

तेरा अहंकार तुझे मुबारक हो
ऐसा भी वक्त आएगा
जो तुझे सबक सिखाएगा
सिवाय पछतावे के तेरा सब मिट जाएगा!!
'आशीष' तो एक फकीर है

कंधे पर झोला टांग लिया है

आज यहां तो कल कहीं और चला जाएगा !!

शायद कोई शागिर्द तुझे फिर समझाएगा
लेकिन तब तक बहुत देर हो जाएगा

हे मानव तू बेमौत मारा जायेगा।।

हां विनाश रावण के सर पर भी छाया था
उसने भी लंका दहन करवाया था

अहंकार कभी 'रावण' को भी आया था!!!

'आशीष पाण्डेय'

©Asheesh Pandey
  अहंकार

अहंकार #कविता

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Asheesh Pandey

बेपनाह मोहब्बत को मंजर नहीं मिलता है
जो दे  सुकून 'आशीष 'को
 वह इश्क समंदर नहीं मिलता है!
जब तक संगे दिल सनम न हो आगोश में
इस बेताब दिल को चैने सुकूं नहीं मिलता है!!
मदहोश है दिल उनकी यादों में 
थमा है वक्त का दरिया 
निगाहों में हर वक्त उनका साया चलता है!
हर अश्क में 'आशीष' के बस उनका ही प्यार पनपता है।
बेपनाह मोहब्बत को मंजर नहीं मिलता है!

©Asheesh Pandey आगोश

आगोश #कविता

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Asheesh Pandey

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Asheesh Pandey

मुझे औरों का कुछ पता नहीं

#PacifyingWords

मुझे औरों का कुछ पता नहीं #PacifyingWords #कविता

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Asheesh Pandey

वीर की वीरता
#myvoice

वीर की वीरता #myvoice #कविता

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