कोई है क्या एसा जिसके कंधे पर सर रखकर रो सके।
अब वो तो हे नहीं जिसके गोदी मे सर रखकर रो सके।
खुदा ने छिन लिया है वो आँचल जिसे लगकर रो सके।
कोई है क्या एसा जिसके कंधे पर सर रखकर रो सके।।
हमे तो ये भी याद नहीं कि हमे पल्लू मे छुपकर रो सके।
अब तो ये भी नहीं हो सकता कि कहीं छुपकर रो सके। #Light#ज़िन्दगी