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yogirameshkumar6984
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yogi ramesh kumar

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yogi ramesh kumar

#मुक्तक
कन्या भ्रूण हत्या
****************************************
जन्म  से  पहले  मार   दिया, क्या ऐसा दोष हमारा था
क्या   देता  बेटा  जो  तुमको, बेटी  से  भी   प्यारा  था
हमको  बता दे  माता हमारी क्यूं तुमने ऐसा पाप किया
जान गर्भ में लेते हुए क्या, दिल नहीं दहला तुम्हारा था।।

*****************************************
स्वरचित
योगी रमेश कुमार
जयपुर राजस्थान

©yogi ramesh kumar #SaveGirlChild
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yogi ramesh kumar

हिफाजत से उसको संवारा करेंगे
मुहब्बत से उनको दुलारा करेंगे।।

©yogi ramesh kumar #caringhabbits
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yogi ramesh kumar

बदल रहा परिवेश बदल सा गया सारा आवरण
मानव बना हैवान बचेगा कैसे यह पर्यावरण।।

कर रहा अत्याचार जीव पर है अक्षम्य आमरण
था दोष भला क्या उस हथनी का जो देना पड़ा जीवन।।

अपनी भूख मिटाने को था उसने यह विश्वास किया
वो हथनी क्या जानें अधम ने उसके जीवन पर वार किया।।

अपने प्रमाद की खातिर बेजुबान को मार डाला
ऐसे अधम नरों को नशीब ना हो प्रभू एक निवाला।।

जो जीव अपने जीवन से रहे इस प्रकृति को बचाते
आज रहा क्यों भूल नर उनका जीवन दाव लागते।।

मैं योगी रमेश कुमार भला कैसे ये दिवस मनाऊं
हो रहा जीव विनाश आज मैं सोच सोच मर जाऊं।।

स्वरचित
योगी रमेश कुमार #humanity
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yogi ramesh kumar

बदल रहा परिवेश बदल सा गया सारा आवरण
मानव बना हैवान बचेगा कैसे यह पर्यावरण।।

कर रहा अत्याचार जीव पर है अक्षम्य आमरण
था दोष भला क्या उस हथनी का जो देना पड़ा जीवन।।

अपनी भूख मिटाने को था उसने यह विश्वास किया
वो हथनी क्या जानें अधम ने उसके जीवन पर वार किया।।

अपने प्रमाद की खातिर बेजुबान को मार डाला
ऐसे अधम नरों को नशीब ना हो प्रभू एक निवाला।।

जो जीव अपने जीवन से रहे इस प्रकृति को बचाते
आज रहा क्यों भूल नर उनका जीवन दाव लागते।।

मैं योगी रमेश कुमार भला कैसे ये दिवस मनाऊं
हो रहा जीव विनाश आज मैं सोच सोच मर जाऊं।।

स्वरचित
योगी रमेश कुमार #RIPHUMANITY
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yogi ramesh kumar

जिया है बेकरार
कब आयेगा इसे करार
आकर थाम ले दामन मेरा
ऐ मेरे सोहणे दिलदार,,,,,,,,,,,,,

तुमसे ही जिंदगी में
छायी थी मेरे जश्ने बहार
जब से गये हो छोड़ कर
देखूं मै तेरा ही इंतजार,,,,,,,,,,,,,,,

तेरी ही राह में सनम
हमने गुजारी ये जिंदगी
तेरे सिवा किसी से न की
हमने किसी से है बंदगी,,,,,,,,,,,,,,,

तुमसे ही हमने सीखा है
प्रीत में वफ़ा निभाना
तुमसे ही सीखा है हमने
नवजीवन का ये तराना,,,,,,,,,,,,,,,,

देखूं राह में अपलक
खोई तेरे ही इन्तजार में
आजा पिया मन बिलख रहा
तेरे मिलन की मस्त बहार में,,,,,,,,,,,,,,,

🌹🌹🌹स्वरचित🌹🌹🌹
💟💟योगी रमेश कुमार💟💟 #waiting
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yogi ramesh kumar

सहे वेदना ख़ामोशी से 
हर पल  भारतीय नारी,
कह नहीं पाये लज्जा की मारी 
ये समझती घर की जिम्मेदारी।।

रहे सदा खामोश 
अपने हर गम को रही छुपाती,
अपनों की खातिर ही 
देखो कितने दुःख है उठाती।।

नारी का अंतस कोमल 
और कोमल सब व्यवहार है,
नारी से वजूद सबका 
और सकल जगत संसार है।।

नर नारी में भेद ना समझो 
ना करो अनादर इसका,
इससे ही पहचान हमारी 
करो मान सब इनका।।

स्वरचित
योगी रमेश कुमार नारिशक्ति

नारिशक्ति

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yogi ramesh kumar

विधा: डमरू लेखन
*******************
लेकर   एक   उमंग
 खोले पंख  विहंग
    करे   विचरण
    खुला है नभ
        परवाज
          भरके
            मन
             में
           मिले
          संसार
         हर  बार
       प्रेम से युक्त
     हो शीत बयार
   दिल के बीच रहे
 सदा अपनों सा प्यार
********************
~~स्वरचित~~
 योगी रमेश कुमार #Hope नई उमंग

#Hope नई उमंग

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yogi ramesh kumar

ख़ामोश लहरें है
फिर भी उठ रहा जलजला है
शायद ये अपने ही
किसी गुनाह का फल मिला है

बंद है सब घरों में
नहीं हाथ का साथ है
होकर निडर सब फिर रहे
सब भूल गए जज़्बात है

पनाह की है तलब उनको
जो कभी पनाहों का बसेरा थे
अब है सोचते हरदम
डाले किधर अपना डेरा ये

करीब होकर भी
ना हो पाये वो रूबरू हमसे
जब जाना हुए तो
हाथ से झाला दिलाते है

           📝स्वरचित📝
      💐योगी रमेश कुमार💐 #twilight khamosh lahre

#twilight khamosh lahre

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yogi ramesh kumar

यूँ जिंदगी की दौड़ में इक दूजे से यूँ होड़ में।
रहते सभी मरोड़ में गुमनाम दरबदर।।
कुछ दिल से दिल मिलाके कुछ बातें तो करलो।
अपनाके अपनों को तुम बाँहों में भरलो।। 
रहो इस तरह दिल में कोई दिलदार रहता है।
ख़ुशी से तरबतर हरपल जैसे गुलजार रहता है।।
स्वरचित
योगी रमेश कुमार #जिंदगी
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yogi ramesh kumar

सुप्रभातम्  नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
जय माता दी
🙏🙏🙏🙏
माँ चामुंडा के चरणों में करता हूँ प्रणाम।
मातारानी मुझको देना आप अभय वरदान।।
सच्चे मन से तुझको ध्याऊँ तेरा ही गुण हरपल गाऊँ।
तेरे ही चरणों में मैया में अपना ये शीश झुकाऊँ।।
माता सब पर दया है करती सबकी खाली झोली भरती।
जो भी विपदा आये माता उसको एक पल में ही हरती।।
करती शेर की सवारी माँ की महिमा सबसे न्यारी।।
अपने भक्तों की रखवारी मैया रानी सबसे प्यारी।।
स्वरचित
योगी रमेश कुमार

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