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purushottamgour4933
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साहित्य संजीवनी

साहित्य संजीवनी का यह पेज पूरी तरह से कविता,शायरी को समर्पित है।यदि आप हमारे यूट्यूब चैनल से जुड़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

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साहित्य संजीवनी

White लोग निष्ठुर थे नहीं, पर हो गए,
बेंचने-बिकने को तत्पर हो गए, 
जब सड़क पर थे तभी थे देवता 
कुर्सियाँ पाते ही पत्थर हो गए

-प्रमोद पवैया

©साहित्य संजीवनी #sad_qoute
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साहित्य संजीवनी

White देवताओं का खुदा से होगा काम
आदमी को आदमी दरकार है।

-फ़िराक़ गोरखपुरी

©साहित्य संजीवनी #Sad_Status
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साहित्य संजीवनी

White हमने सारा मोह जगत से छोड़ दिया,
और सभी झूठे रिश्तों को तोड़ दिया।
जिस पथ पर ना कांटे हों छल-छंदों के,
मैंने जीवन उसी दिशा में मोड़ दिया।।

©साहित्य संजीवनी #good_night
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साहित्य संजीवनी

White ज़िन्दगी के सफ़र का पता कुछ नहीं
आके मंज़िल पे हमको मिला कुछ नहीं
एक मिसरे में ये ज़िन्दगी यूँ है कि 
हमने सब कुछ किया पर हुआ कुछ नहीं।

-प्रबुद्ध सौरभ

©साहित्य संजीवनी #good_night
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साहित्य संजीवनी

White जहाँ जहाँ कोई उर्दू ज़बान बोलता है 
वहीं वहीं मिरा हिन्दोस्तान बोलता है।

-मंसूर उस्मानी

©साहित्य संजीवनी #GoodMorning
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साहित्य संजीवनी

White किसी से कोई भी उम्मीद रखना छोड़ कर देखो
तो ये रिश्ते निभाना किस क़दर आसान हो जाये...।

-इंतिखाब

©साहित्य संजीवनी #sad_quotes
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साहित्य संजीवनी

White उसके घर में सजे हुए हैं कई कई ईनाम 
लेकिन उसकी जीभ पर हैं तलवों के निशान।

-अशोक जमनानी

©साहित्य संजीवनी
  #good_night #Poetry #poems
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साहित्य संजीवनी

White झुक के मिलते हैं बुजुर्गों से हमारे बच्चे 
फूल पर बाग़ की मिट्टी का असर आता है

-मुनव्वर राना

©साहित्य संजीवनी
  #good_night
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साहित्य संजीवनी

White शहर में आकर पढ़ने वाले भूल गए,
किसकी माँ ने कितना ज़ेवर बेचा था।

-असलम कोलसरी

©साहित्य संजीवनी
  #engineers_day #Hindi
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साहित्य संजीवनी

White "रास्ते जो भी चमक-दार नज़र आते हैं 
सब तेरी ओढ़नी के तार नज़र आते हैं। 
कोई पागल ही मोहब्बत से नवाज़ेगा मुझे 
आप तो खैर समझदार नज़र आते हैं।।"

-जुबैर अली ताबिश

©साहित्य संजीवनी
  #hindi_diwas #Poetry #kavita #Shayari
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