खाईयों में गहराइयाँ, नदियों में धाराएं, सागर में लहरें, और आसमान में बादल, सीमित हो सकते है लेकिन, मैं कभी नहीं मैं शख़्स हूँ खुले आसमान सा, बेशक़ असीमित।।
Sohail Ansari
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