हाँ! आज भी मेरी रगों में
तुम्हारे इश्क़ का लहू बहता है।
आज भी मुहब्बत वही है,
चीख चीख कर कहता है,
आज भी खून से लिखे उन ख़तों का रंग फ़ीका नहीं हुआ।
बिलकुल मेरी चाहत की तरह,
आज भी उनमें वही चमक है,
उन पन्नों पर लिखा हर हर्फ़,
Shail..
अच्छी लगती हो
Shail..
Happy kiss day
Shail..
करता हूँ जब भी हबीब से बातें,
वो करती है रक़ीब की बातें!
हाँ!उससे अक्सर बातें होती हैं
मुख़्तसर मुलाक़ातें होती हैं,
कभी उसकी बातों से फूल,
तो कभी उसकी आँखों से ग़म की धूल उड़ती हैं,
कभी बातों बातों में हँस देती है,
तो कभी रोती है,पर आँखे मेरी नम कर देती है,