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aryapurush3656
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Arya purush

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Arya purush

आर्य_पुरुष

©Arya purush
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Arya purush

खाली पन्ने पर शिहाई फैली पड़ी है। 
देखता हु तो ये मेरी जिंदगी कैसी बिखरी पड़ी है।
मां पूछे तो कहे देता हु अच्छा हु
फिर तेरे आंखों में अंशुओ चित्रे केसे पड़ी है।
केसे बता दू मां मैं कैसा हु 
कस्ती डूब गई मेरी और लाश किनारे पर पड़ी है।
तेरे लिए तेरा बेटा है।
जमाने के लिए लाश लावारिस पड़ी है
                                   
                              आर्य_ पुरुष

©Arya purush #rain
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Arya purush

इश्क है। तुझे तो जताया क्यों करता है
यू सरेआम जमाने को बताया क्यों फिरता है। 

बहना काम है डरिया का तू रास्ते में पत्थर क्यों लगाया फिरता है।

उसे जो करना है वो उसकी मर्जी है तू फालतू उम्मीद क्यों लगाया फिरता है।

और जमाने में शोर है मोहोब्बत सिर्फ पेसो का खेल है  
और ये पागल  डाओ पर दिल लगाए फिरता है।

उसने चाहा तुझे ये तुझे लगता है।
वो रागिर है बस अपना मन बेलाया फिरता है।

©Arya purush #WinterEve
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Arya purush

इश्क है। तुझे तो जताया क्यों करता है
यू सरेआम जमाने को बताया क्यों फिरता है। 

बहना काम है डरिया का तू रास्ते में पत्थर क्यों लगाया फिरता है।

उसे जो करना है वो उसकी मर्जी है तू फालतू उम्मीद क्यों लगाया फिरता है।

और जमाने में शोर है मोहोब्बत सिर्फ पेसो का खेल है  
और ये पागल  डाओ पर दिल लगाए फिरता है।

उसने चाहा तुझे ये तुझे लगता है।
वो रागिर है बस अपना मन बेलाया फिरता है।

©Arya purush
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Arya purush

Mene subhha se lekar sham tak dekha hai 
Teri hotoin ki hasi teri aankhon ke chamkte us guman ko dekha hai.

Mene dekha hai tujhe apne balo main ungliyon se khelte hua .Mene tere chehre par aati achanak us shikan  ko dekha .

Mene dekha hai teri becheni ko.mene tere chehero ke bab ko badalte dekha hai.
Mene dekha hai!

Teri wo achank si hasi or jo tu apni ankho ko bari karke mujhe kuch samjane ki kosish ko dekha hai.
Mene dekha hai

Mene subhha se lekar sham tak dekha hai



#arya_purush

©Arya purush #writer
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Arya purush

उससे मेरी बातें बस इतनी है।
‌चंद बातें है।
‌और बातें जितनी है
‌हुई किस्मत रुकसत मुझे 
‌कोई अमावस की रात जितनी है।
‌क्यों पूछूं सवाल उससे हर मर्तवा 
‌उसका जवाब हर बार ख़ामोशी जितनी है।
‌
‌कभी मिले तो मंजिल पूछूंगा उससे तेरी दूरी कितनी है। ये मेरे पैरो के छाले काफी है।
‌या सास आखरी जितनी है।
‌
‌
‌थक गया हु मैं सफर में ख़ामोशी इतनी है।
‌तू जवाब क्यों नही देती क्या तेरी बातें कोरे पन्ने जितनी है। 
‌तू ही बता अब कोन सा इम्तिहान बाकी है।
‌जिंदगी में मेरी सब छोर दिया मैने  
‌क्या जीना छोड़ देना जितनी है।     



                 #आर्य_पुरुष

©Arya purush #Lumi
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Arya purush

arya_purush

©Arya purush
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Arya purush

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Arya purush

तुम जब भी बारिश देखोगी तुम्हे मेरी याद आयेगी
अगर तुम चाहोगी बारिश में भीगना तो तुम्हारी आंखें भर आयेगी।

तब कोई नही पूछेगा तुमसे
हाल ए दिल केसा है। तुम्हारे अंशु बहते रहेंगे 
और बारिश बंद हो जाएगी

तुम तब सोचोगी बारे में मेरे तब तुम्हारी सोच उस दिन पर चली जायेगी। 
तुम ने कहा था "सुनो" मौसम बहुत अच्छा हो रहा है। बारिश धीमी है "राहुल" चाय पियोगे आज मेरा भी मन हो रहा।,
 और मेने धीमी आवाज में बोला "मैडम"  इसे मौसम अच्छा नहीं खराब बोलते 

तुम bale hi देखना ना चाहो चेहरा मेरा तुम खुद से खुद को रोकना पाओगी
तुम दोगी आबाज़ बहा से मुझको 
फिर भी सामने तुम कुछ ना पाओगी 
अंशु बहते रहेंगे आंखों से तुम्हारी पर तुम उन्हें रोक ना पाऊंगी





  आर्य_ पुरुष

©Arya purush #cloud
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Arya purush

" राहुल" सुनो मुझसे  ये  वफा, मोहोब्बत इश्क विश्क की बातें नही होती।
मेरे हिस्से की भी तुम खुद से कर लोगे क्या।

और मैं भूल जाती हु। समय और बाधो को अक्सर
मेरी इस भूल को नजर अंदाज कर दोगे क्या।

और मेने कब कहा कि इश्क है मुझे तुमसे 
और नही है। इस पर प्रश्न चिन्ह रहने दोगे क्या।

और मना नहीं है तुम्हे तुम कभी भी बात कर सकते हो,
मुझे शर्म का परदा अच्छा लगता।
हर बार तुम कोशिश कर सकते हो क्या।

( और एक आखरी बात मानोगे मेरी मुझे गुस्सा बहुत आता है। "और  कभी अनजाने में तुमसे कह दू की नही करनी है। मुझे बात तुमसे "तो तुम उस बातालाफ को आखरी नही मानोगे )  
और समय लगता है मुझे किसी रंग में ढलने मैं
मेरी इस आदत को तुम मेरी बेरुखी तो नही मानोगे




 
                                      आर्य_पुरुष

©Arya purush #cloud
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