Nojoto: Largest Storytelling Platform
rohitbhargava5093
  • 217Stories
  • 88.8KFollowers
  • 26.5KLove
    71.6LacViews

Rohit Bhargava (Monty)

IG : rohit_bhargava_1 WhatsApp - 7222853281

https://youtu.be/QIsXq1knHTw?si=SSLK2EYAQYu6K77T

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
13e53f80afcd95107b9cda72668ffa12

Rohit Bhargava (Monty)

Unsplash वो बात नहीं रही, वो साथ नहीं रहा।
सुने हो गए पन्ने, हाथों में हाथ नहीं रहा।
सब कुछ ले गया कमबख्त जाते-जाते
बिना उसके अब मैं आबाद नहीं रहा।।

©Rohit Bhargava (Monty) #lovelife
13e53f80afcd95107b9cda72668ffa12

Rohit Bhargava (Monty)

Unsplash पन्नों पर जो ये हरियाली है।
वो करती इनकी रखवाली है।
डगमगा गई थी सफ़र में कहीं
ये कलम उसने ही संभाली है।।

ये साज़ है उसका, आगाज़ है उसका।
अल्फ़ाज़ है उसका, उसी की कव्वाली है।
वो है तो सब कुछ भरा-भरा सा लगता है।
और गर वो नहीं तो दोनों हाथ खाली है।।

©Rohit Bhargava (Monty) #leafbook
13e53f80afcd95107b9cda72668ffa12

Rohit Bhargava (Monty)

#Shayari
13e53f80afcd95107b9cda72668ffa12

Rohit Bhargava (Monty)

झूठे रिश्तों में उलझकर हम सब कुछ अपना बाँट रहे हैं।
राज करने वाले, दिखावे की खातिर यहां-वहां तलवे चाट रहे हैं।
हम ये कैसे आज़ाद पंछी बन गए हैं कि उड़ने में भी परेशानी है
ज़माने की हवा में बहकर, अपने ही पंख काट रहे हैं।।

©Rohit Bhargava (Monty) #swiftbird  attitude shayari

#swiftbird attitude shayari

13e53f80afcd95107b9cda72668ffa12

Rohit Bhargava (Monty)

#Shayari
13e53f80afcd95107b9cda72668ffa12

Rohit Bhargava (Monty)

#Shayari
13e53f80afcd95107b9cda72668ffa12

Rohit Bhargava (Monty)

White महंगा सा दिख रहा पहनावा, सजा हुआ मुखड़ा है।
काफिर है कोई घूमता या चांद का टुकड़ा है।
इन दो आँखों से क्या-क्या देखूं, सजी हुई बारात है।
दिखाई दे रही खूबसूरती, खूबसूरती के साथ है।।

©Rohit Bhargava (Monty) #sad_shayari
13e53f80afcd95107b9cda72668ffa12

Rohit Bhargava (Monty)

White कहर है मौसम का या घड़ी है ज़वानी की
समझदार सूरत है, हदें देखो नादानी की
इस सादगी के आगे ज़माना झुक रहा है
धूप का समंदर हाथ से रुक रहा है।।

©Rohit Bhargava (Monty) #GoodMorning
13e53f80afcd95107b9cda72668ffa12

Rohit Bhargava (Monty)

White बिना इज़हार, उम्मीदों को सज़ा रखा है।
कुछ और हूँ मैं, उसे कुछ और बता रखा है।
आवाज़, अल्फ़ाज़ कुछ नहीं समझती कम्बखत
उसने ज़ुल्फों को कानों का परदा बना रखा है।।

©Rohit Bhargava (Monty) #sad_shayari
13e53f80afcd95107b9cda72668ffa12

Rohit Bhargava (Monty)

#Shayari
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile