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arunsharma3428
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unrealines

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रात की ख़ामोशी 
और दिन का मेला हूँ,
बस अब अपने सफर का 
मैं राही अकेला हूँ।

–unreadlines #leftalone
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ये ज़िन्दगी भी सुरज जैसी लगती हैं
हमेशा एक खूबसूरत शाम पीछे
एक घना अँधेरा छोड़ के चलती हैं।

-unreadlines #Sun
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तन्हा थे तन्हा हैं
और तन्हा ही रहना पसंद हैं मुझें,
अक्सर ज्यादा खुशियां 
ज्यादा दर्द भी दे जाती हैं।
–unreadlines #stairs
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ना जानें किस वज़ह से
मगर तन्हाइयों के पास रहता हूँ,
ढूंढनें को ज़माना
मैं ख़ुद की तलाश में रहता हूँ।
-unreadlines #emptystreets
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ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए

दिल को अपने सज़ा ना दे यूँही
इस ज़माने की बेरुखी के लिए

कल जवानी का हश्र क्या होगा
सोच ले आज दो घड़ी के लिए

हर कोई प्यार ढूँढ़ता है यहाँ
अपनी तनहा सी ज़िंदगी के लिए

वक़्त के साथ साथ चलता रहे
यही बेहतर है आदमी के लिए

-सुदर्शन फ़ाकिर #SunSet
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आशुओ से लिखती हो,
इसीलिए
वो कोरा कागज समझ फेक देता है।
—unreadlines #Silent
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हर जन्म इस मिट्टी के बस इतना काम आ सकूँ ,
हो सिर भारत माँ की गोदी में 
और तिरंगे मे लिपट कर सो सकूँ।

—unreadlines

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ये तेरी अपनो से बेवफाई नही तो क्या हैं,
तुने दी खुदको किस बात की सजा हैं,
ये तो दौर था गुज़र जाता,
मगर दौर से खुदको ही गुजारने की वजह क्या है
—unreadlines #SushantSinghRajput
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हम दिललगि को इश्क़ समझ कर बैठ गये,
इन मंजिलों में उन्हें मंजिल समझ कर बैठ गये,
पता था कि चिलकति धुप का साया हैं वो,
फिर भी इश्क़ की प्यास मे पानी समझ कर बैठ गयें।
—unreadlines #sunlight
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अक्सर हमारी बातें अधुरी छूट जाती हैं,
वो जगा कर रातों को भी हमसे रूठ जाती हैं,
और जब तक सॉरी बोलने करीब आती हैं वो मेरे
तब कम्बक्त अक्सर ये ख्वाबों की नींदे टुट जाती हैं।

—unreadlines #message
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