कोई किसान अपने खेत में हल चला रहा था। बरसात के बाद का मौसम था ,हल के पीछे जमीन से बहुत से कीड़े मकोड़े निकल रहे थे....
उन कीड़े मकोड़ों को खाने के लिए कई पक्षी झपट रहे थे।
इससे बार बार किसान की एकाग्रता भंग हो रही थी। उसमें बैलों को हांकने के लिए अपने हाथ मे पकड़ा सांटा ( हंटर ) जिसमें चमड़े की तनिया बंधी होती हैं अपने पीछे को घुमा दिया। उससे एक नीलकंठ मर गया।
किसान को बड़ा अफसोस हुआ । उसे याद आया कि किसी ने कहा था कि दशहरे के दिन अगर नीलकंठ दिख जाय तो बड़ा शुभ होता है और आज इत्तफाक से दशहरा ही है।
Swatantra Yadav
कुछ नशा तेरी बात का है
कुछ नशा धीमी बरसात का है,
हमे तू यूं ही पागल मत समझ
दिल पर असर होने वाली मुलाकात का है।
ख़ुद को इतना भी न बचाया कर,
बारिश हुआ करे तो भीग जाया कर।
मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,
मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ।