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kajalmishra3316
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Kajal Mishra

poet✍️ https://instagram.com/kajal_ke_alfaaz09?igshid=1pblrr088rj6d

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Kajal Mishra

एक शहर अनगिनत कहानियां
  एक शरारती अनगिनत शैतानियां
  एक शख्स अनगिनत शहजादियां
  एक प्रीतम अनगिनत पटरानियां
  एक  नाम अनगिनत निशानियां
  एक ख्याब अनगिनत परेशानियां
  एक दिल  अनगिनत दीवानियां
  एक  रूह अनगिनत  जवानियां
  एक तलब अनगिनत नादानियां
  एक श्यामल रंग अनगिनत जोगनियां
  एक प्रेमी जिसने बुनी शुद्ध प्रेम की अनगिनत प्रेम कहानियां

©Kajal Mishra #yqdidi #yqbaba #poem #poemkiduniya #Shayar #shyari 
written by Kajal Mishra Annu (Annu)✍️

#yqdidi #yqbaba #poem #poemkiduniya #Shayar #shyari written by Kajal Mishra Annu (Annu)✍️

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Kajal Mishra

वो अक्सर मुझसे कहते हैं मुझे लोगों से शिकवे बहुत रहते हैं
 शिकवे,गिले,मलाल,नहीं काजल के दिल में महज सवाल बहुत रहते हैं
 सवालातो से घिरा मेरा मन मुझसे पूछे केवल एक ही सवाल?
 क्या होती है इज्जत?क्या होता है सम्मान?
  राह में कोई युवक छेड़े किसी युवती को या जबरन करे स्पर्श उसके तन को
 तो क्यों इस समाज की मनस्थिति में स्त्री ने अपनी इज्जत खो दी ?
 अगर इज्जत सिर्फ लड़की की ही जाती है तो क्या समझूं मैं? लड़के के पास रत्तीभर भी इज्जत नहीं होती?
 अगर इज्जत केवल जिस्म में होती तो बेशक! तो उस लड़के ने भी इज्जत खो दी !!
 भेद तो केवल इतना है
 एक की इज्जत विवशता में लुटती है जबकि एक अपनी इज्जत मन मर्जी लुटाता है
 बचपन से सिखा‌ है हम सबने क्या पिता से क्या अम्मा से?
 समाचार के प्रत्येक प्रसारण में या अखबारों के ताज़ा विवादित बयानों में
 क्यो छपता है क्यों लिखता कि एक किशोरी ने किशोर के हाथों अपनी इज्जत खो दी
 सम्मान तो न छीनता है न मांगने पर मिलता है न‌ ज़ोर जबरन से किसी हृदय में खिलता है
 यह तो सिर्फ़‌ स्वयं के लिए स्वयं की ही नजरों में संवरता है
 इतने पर भी कहां ठहरते हैं, ये शब्दों के बाण सदा भेदते हैं
 स्त्री जिसकी असमत छीनी पवित्र नहीं है अब वो युवती
 अगर पवित्र नहीं है अब वो युवती तो पवित्र नहीं है वो भी युवक
 तो क्यों इस समाज की मनस्थिति में स्त्री ने अपनी इज्जत खो दी?
 अगर इज्जत केवल जिस्म में लिपटी होती है तो बेशक! उस लड़के ने अपनी इज्जत खो दी !!

©Kajal Mishra #poemkiduniya #poem #Poema #Shayar #Shayar 
written by Kajal Mishra (Annu)✍️

#poemkiduniya #poem #Poema #Shayar #Shayar written by Kajal Mishra (Annu)✍️

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Kajal Mishra

इंतेहा-ए- खुशी का हर किस्सा बुनते थे जिस बाद-ए-मुखालिफ से हम,
 हमारे गर्दिश के दौर में आसरा-ए-उज्र बन पर्दा-नशीं हो गए,वो हमदम!"

©Kajal Mishra #Poetry #shayri#poem.
written by Kajal Mishra (Annu)✍️

#Poetry #shayri#poem. written by Kajal Mishra (Annu)✍️

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Kajal Mishra

मोहब्बत -ए- तन्हाई का मंज़र आस पास कुछ ऐसा बिखरा है
  हर शख्स अन्य को जलाने के लिएWhtsapp dp लगातार बदल रहा है,

 और सुनिये दर्द-ए-म्लान किस्सा महज इतने पर भी कहां थम रहा है
 रात के तीन बजते बजते ये कारवां तो dp को वीराने में तब्दील कर रहा है,

                                    (काजल मिश्रा)

 डर -ए- अंजाम काजल को भी कुछ शिकवा- सा लिपटा  रहा है
 कि आखिर क्यों हर पंछी हिज़्र-ए-यार वियोग तपिश में जल रहा है,

 दर्द-ए-आलम इतना गहरा है,आंसू भी नमकीन पानी बन बह रहा है
 मुर्शिद उस दिलनशी‌ की आंखों में किसी दूजे की ही मोहब्बत-ए-जुज्ब का पहरा है!

©Kajal Mishra WhatsApp Dp
Written by Kajal Mishra (Annu)✍️

WhatsApp Dp Written by Kajal Mishra (Annu)✍️ #कविता

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Kajal Mishra

उस रहबर-ए-् कामिल शख्स से बात जो नहीं हुई कब से,
यकीन मानो! मेरी सुबह की तो सुबह ही नही हुई सुबह से!!

©Kajal Mishra #Poetry #poem #Shayar #shayri
written by Kajal Mishra (Annu)✍️

#Poetry #poem #Shayar #shayri written by Kajal Mishra (Annu)✍️ #शायरी

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Kajal Mishra

अदब उलझती बेचैनी सी है जज्बातों के अफसोस में,
 कहीं अभ्र बन डूब  ही न जाऊं इन रातों के आगोश में!

 नितांत जारी हैं चर्चे प्रेम प्रसंग के हमारे पास पडोस में,
 इस्बात डर है काजल को कही मुल्जिम न ठहरा दे अपनी दो आंखों के दोष में!
                ig :-Kajal_ke_alfaaz09
 कटाक्ष ताने जर्जर चुभ रहें हैं मेरे हृदय के नाज़ुक कोष में,
 मानों वहशी पिछे ही पड़ गये हो धारण किए खुद को जन भेष में!

 ता-अज्जुब हूं खुद को लिप्त किए उन चंद लम्हों के शेष में,
 आ तुझे ले चल तिरोहित कर दूं दूजे देश के परितोष में!

 खड़े प्रतिकूल वैष्मय विष फैंक रहें हैं शब्दों के आक्रोश में,
 उदीप्त, उफनते सैलाब हैं इन समाज वालों के अधंकोष में!!

©Kajal Mishra #Poetry #shyari #shayrilover
written by Kajal Mishra (Anni)✍️

#Poetry #shyari #shayrilover written by Kajal Mishra (Anni)✍️ #कविता


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