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aaweshkhan5228
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Aawesh Khan

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Aawesh Khan

तेरी याद के सहारे कट गई वरना
जिंदगी मेरे बस की बात नही थी

©Aawesh Khan #alone
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Aawesh Khan

इसलिए उकता रहा हूं तन्हाई से
मुझे डर लगने लगा है परछाई से

अब उस तरह शोक पूरे नही होते
जो पूरे होते थे बाप की कमाई से

ये कैसा जख्म अता किया उसने
मुझे नाउम्मीद कर दिया दवाई से

कभी कभी तो मुझे झूठ लगता है
वो सच बोलता है इतनी सफाई से

आज मैं कत्ल हो गया हूं आवेश
अपने ही खंजर की बेवफाई से

©Aawesh Khan #Road
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Aawesh Khan

रात भर जिसे हवा से बचाया जाएगा
सुबह होते ही चिराग बुझाया जाएगा 

और कितनी दफा तुझे हासिल करू
और कितनी दफा तुझे गंवाया जाएगा

चाहे खुशी में हो या फिर हो गम में
बस नाम तेरा ही दोहराया जाएगा

मैने जो जिदंगी तेरे रास्ते में खर्च की
अब तू बता उसे कैसे कमाया जाएगा

मैने तेरे खत तो जला दिए लेकिन
नाम कैसे तेरा दिल से मिटाया जाएगा

©Aawesh Khan Ghazal

Ghazal #Shayari

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Aawesh Khan

deep lines

deep lines #शायरी

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Aawesh Khan

अभी इस दिल को और ख्वार होने दो
हर एक की मोहब्बत से बेजार होने दो

वो फूल समझकर तोड न दे गुलाब
उसे थोड़ा बहुत और समझदार होने दो

ये नादान भूल जायेंगे अभी खुदा को
जरा कस्ती को दरिया के पार होने दो

नाकाम होगी उसपर भी दवाएं सारी
उसे किसी के इश्क में बीमार होने दो

©Aawesh Khan शायरी

शायरी

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Aawesh Khan

तू जिस जमीन को मारकर के ठोकर आया है
वहां कोई मोहब्बत का बीज बोकर आया है

मेरे फूल के तोहफे असर क्या करेंगे उसपर
जो पहले ही किसी के बाग से होकर आया है

मेरी याद में रात भर खुद को बेदार बताने वाले
तेरी आंखे बता रही है की तू सोकर आया है

जिस दर से मुझे हंसने का सलीका आया है
आज आवेश उसी के दर से रोकर आया है

©Aawesh Khan Sad Ghazal

Sad Ghazal #शायरी

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Aawesh Khan

कोई खामोश तो कोई ज़ुबानी कह रहा है
हर शख्स यहां अपनी कहानी कह रहा है

बहता तो नही मगर मैं मजबूर था बहुत 
ये मेरी आँख से निकला पानी कह रहा है

उस कहो ये खुशी कही और जाकर करे
वो जो इस शाम को सुहानी कह रहा है

उसे छोड़ा था मैने उसी के खातिर मगर
वो मेरे इस अमल को बेईमानी कह रहा है 

जिसने कहा था इश्क में फासले जरूरी है
मेरी शक्ल को जानी पहचानी कह रहा है

©Aawesh Khan ghazal
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Aawesh Khan

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Aawesh Khan

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Aawesh Khan

कोई तरकीब हो तो बताना हमे
जिदंगी अब हमसे कट नही रही

©Aawesh Khan
  #agni
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