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beenarai3244
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Beena

सबके अना का बहुत ख़याल रखती हूं अपने ज़ख़्मी अना के हिसाब रखती हूं ये जिंदगी अज़ाबों मे भी उज़ली ही रही ज़हन से दूर तीरगी के किताब रखती हूं

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Beena

White दामने-दुआ ओढ़ कर हम बैठें हैं इस इंतजार में 

बेज़मीरों की ख़लिश भी बदलेगी एक दिन प्यार में 


मेहरबां हो ही जाएगा रब एक दिन मिरी इबादत से 

नूर ही नूर से भर जाएगी मेरी किस्मत ऐसी बयार में 


बेज़मीरों की ख़लिश भी बदलेगी एक दिन प्यार में 


संग छोड़ देते हैं सब जरा गमगीन देखकर बीना 

एक उम्मीद ही तो है जो हरदम है तिरे इख्तियार में 


बेज़मीरों की ख़लिश भी बदलेगी एक दिन प्यार में 


(स्वरचित कविता से)


बीना राय 

गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश

©Beena #love_shayari
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Beena

White  दरिया-ए-ग़म की घाट पर 

रूह को इस कदर पखारा है 

नहीं लगता है कोई बेगाना 

और ना ही कोई हमारा है 

एक पल भी लगे मुश्किल 

तुम्हारे बिन जिसको आज भी 

बताओ बिन तुम्हारे ही 

उस दिल का कैसे गुजारा है

कोशिश का कतरा कतरा  

काम आता रहा हर बार 

सब्र की ठंडी छांव ने 

थकी उम्मीदों को संवारा है ।


बीना राय 

गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश

©Beena #sad_shayari
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Beena

कुछ बात करो



आओ बैठो पास मिरे कुछ बात करो

साझा मुझसे अपने तुम जज़्बात करो


हो जाए बदनाम हमारी दोस्ती 

तुम पैदा ऐसे ना कोई हालात करो।


रख दिया खोलकर मन जब आप के सामने 

अब मन के घावों पर नहीं आघात करो


तुम कहते हो मैं हूं सूखा फलहीन शजर 

तो अलाव में उपयोग डार और पात करो


 कह दूं अलविदा मैं आप की महफ़िल को 

 मगर बार आखिरी हंसकर तो मुलाकात करो।


स्वरचित 

बीना राय

गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश

©Beena #दोस्त
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Beena

चले जा रही हूं

ना अपना रही हूं ना ठुकरा रही हूं
मैं तो अंजानी ज़ख्मों से दिल बचा रही हूं।

बहुत प्यारे इंसान हो तुम मगर
बदल जाओगे मैं ये समझा रही हूं ।

मुझको मंजूर अश्कों में जीना नहीं अब
मैं जो तन्हाइयों में भी मुस्कुरा रही हूं।

इस दुनिया में ग़म ने बख़्शा है किसको
बस यही सोच कर अब जिये जा रही हूं।

इन हवाओं,दरख़्तों और सागर की लहरों को
मैं आजकल हमसफ़र बना रही हूं।

ना रुकना मुझे अब है पल भर गंवारा
मैं मुसलसल सफ़र में चले जा रही हूं।

स्वरचित

बीना राय
गाज़ीपुर उत्तर प्रदेश

©Beena #kinaara
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Beena

पकड़ कर उंगली
विश्वास की सफर
को जारी रखना
गिरना, उठना, संभलना
फिर बेतहाशा बस तुम
आगे की तरफ बढ़ना
पर वक्त बर्बाद न करना
करने में कभी भी
किसी से जंग जवाबी

ना छोड़ना कभी भी
आंखों में ख्वाब सजाना
तुम कर्म की आंच पर 
मीठे उम्मीद को पकाना
और देना दावत उनको भी
जिन्होंने छीनी थी कभी तुमसे
तुम्हारी खुशियों की चाबी

©Beena 
  #adventure
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Beena

बूंद बूंद मेरे कोशिशों की
बन रही है नदी खुशियों की
मन ने घोर तिमिर में ढूंढा
मिल गई रौशनी उम्मीदों की।

©Beena 
  #Sunhera
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Beena

बूंद बूंद मेरे कोशिशों की
बन रही है नदी खुशियों की
मन ने घोर तिमिर में ढूंढा
मिल गई रौशनी उम्मीदों की।



स्वरचित
बीना राय

©Beena 
  #Sunhera
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Beena


स्वरचित नज़्म से

कतरा कतरा........

स्वरचित नज़्म से कतरा कतरा........ #शायरी

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Beena

कतरा कतरा जलते मोम सा पिघलते हैं
दिल में एक दर्द की गुब्बार लिए चलते हैं
ग़म मेरा है बहुत ही प्यारा मुझे
बस यही देगा भंवर से किनारा मुझे
कसमें वादों के बाद भी दिल बदलते हैं
दिल में एक दर्द का गुब्बार लिए चलते हैं।

©Beena 
  #adventure
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Beena

हर दफ़्'अ ऐतबार कर 
तबाहियों में किया बसर
ऐ हयात खुद के वास्ते
थोड़ी सी तो जा संवर


ना रख किसी से भी हसद 
फिदा हो तू तस्कीन पर
वो रब जो तेरे साथ है
किस बात का तुझे है डर 

ऐ हयात खुद के वास्ते
थोड़ी सी तो जा संवर



स्वरचित नज़्म की कुछ कड़ियां

©Beena 
  # थोड़ी सी तो जा संवर

# थोड़ी सी तो जा संवर #शायरी

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