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harshupadhyay2381
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Harsh Upadhyay

#राही मिट्टी का तन, मस्ती का मन क्षण भर जीवन, मेरा परिचय..

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Harsh Upadhyay

हम जरा सीधे होंगे, राहें आगे सीधी ही हैं,
अंधेरे से तलाक लेंगे हम, राहें आगे प्रकाश की ही हैं।

काल बदल गया है,अपनी आदतें हमें बदलनी होंगी,
सहज काट सकते हैं ये पिजरा, हमें बस आरी बनना होगा।

आदतन पड़ने वाले पशुओं के सपने हमे टालने होंगे,
संघर्ष के राही हम, जहर से दोस्ती टालनी होगी।

राहें अंगारों की ही हैं, हमें मात्र प्रभंजक बनना होगा,
बस्तियां सुलगेंगी क्रांति से, हमें ही वालेंटियर बनना होगा।

©Harsh Upadhyay
  #राही #Nozoto
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Harsh Upadhyay

तुम्हारी जवानी तुम्हीं को मुबारक़
हमारी तरफ से निगाहें हटा लो,
हमें जिंदा रहने दो 
ए-हुस्न वालो..
🤘🖤

©Harsh Upadhyay #राही
#Nojoto

#morningcoffee
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Harsh Upadhyay

मैं कर्मयोगी हूँ, दूसरों से उम्मीदें कम रखता हूँ
अपनी चुप्पी में भी शोर बेहिसाब रखता हूँ।

मैंने मंज़िल से कह दिया, मुझे रास्ता नापना नहीं आता
सब्र से चल रहा हूँ मैं अभी,
मुझे दौड़ लगाना नहीं आता।

एक सूखे हुए दरिया को समुंदर बनाने चला हूँ
मैं वक्त की धारा का रुख़ मोड़ने चला हूँ।

जो चुभा था कांटा, उसकी कसक अभी बाँकी है
घाव तो भर चला पर, निशान अभी बाँकी है।

ख़ूबसूरत राहें, प्यारा सफ़र ये सब बातें किताबी हैं
मैं कर्मयोगी हूँ,
मुझे बातों से क्या करना...

©Harsh Upadhyay #राही
#walkingalone 
#selfbelieve
#Nojoto
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Harsh Upadhyay

बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर।
पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर।।

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलया कोई।
जे मन खोजा आपणा,  मुझसे बुरा न कोई।।

पोथि पढ़-पढ़ जग मुआ, पंडित भया न कोए ।
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होए ।।

ऐसी बानी बोलिए, मन का आपा खोए।
औरन को शीतल करे, आपहुँ शीतल होए।।

जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान।
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान।।

माया मरी ना मन मरा, मरि-मरि गया शरीर।
आशा, तृष्णा ना मरी, कह गए दास कबीर।।

©Harsh Upadhyay

©Harsh Upadhyay #राही 
#कबीरदास
#कबीर_वाणी 
#कबीर_दोहे
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Harsh Upadhyay

वहाँ, उस जगह शमशान में,
किसी का मृत देह जलते हुए
मैंने देखा,
मन है, इसलिए
पास जाकर देखा
एक मन जल रहा था
मैंने पूछा
"किसके मन हो तुम"
"मैं सत्य का।"
उत्तर मिल गया
सत्य ही समाप्त/सत्य ही नहीं है...
मन भी समाप्त/ मन भी खत्म...
इसीलिए
वहाँ उस जगह जलते हुए मैंने देखा था,
एक मन
युगों युगों से जलता हुआ....।

©Harsh Upadhyay #राही
#realisation
#reality
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Harsh Upadhyay

माई बाप वो जो बोलें कर,
शक मत कर..
माँ-बाप के डिसीजन गलत हो सकते हैं,
उनकी नीयत कभी गलत नही होती..
💛💛

©Harsh Upadhyay #राही

#Twowords #माँ_बाप_lifeline
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Harsh Upadhyay

हमारे लिए जो खून पसीना एक कर देते हैं,
पापा हैं ये,
रात दिन बस हमारी ख़ुशी के लिए मेहतन करते हैं
पापा हैं ये..
मत पूछना इनसे कि क्या किया है,
इन्होंने तुम्हारे लिए,
मत देना कभी इनको ये दर्द,
नाराज दिखाकर भी फ़िक्र करते हैं क्योंकि,
पापा हैं ये..
मुझे मालूम है साथ चलती हैं 
उनकी दुवाएँ,
सफ़र की मुश्क़िलों को हाथ मलते 
मैंने देखा है..

©Harsh Upadhyay #राही 

#FathersDay #fatherslove
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Harsh Upadhyay

#RIPMilkhaSingh एक सूरज था जो तारों के ग्रहनों से उठा,
आँख हैरान है क्या शख़्स जमाने से उठा।

©Harsh Upadhyay #राही 

#RIPMilkhaSingh
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Harsh Upadhyay

Alone  ज़हन में उठती है हर दफ़ा
एक हूक-सी मेरे
कि तुम मिल क्यों नहीं जाते मुझे
बिना मांगे ही?
कि तुम ठहर क्यों नहीं जाते
बिन रोके ही?
कि तुम कह क्यों नहीं देते,
बिना पूछे ही?
कि तुम छू क्यों नहीं लेते,
बिना छुए ही?
ज़हन में उठती है हर दफ़ा,
एक हूक सी मेरे
कि तुम मिल क्यों नहीं जाते मुझे
बिना मांगे ही?

©Harsh Upadhyay #राही

#alone
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Harsh Upadhyay

#बोलें क्या#

अब बोलें भी तो बोलें क्या,
राज मन के
आगे सबके
 खोलें क्या!
गिले शिकवे जो थे दरमियाँ,
आ इन्हें अब धो लें क्या!
क्या थी खता,वजह क्या थी,
आ इन्हें अब तौलें क्या!
भुलाकर सब त्रुटियाँ,
एक नींद चैन की,
सो लें क्या!
हृदय में कसक है आज बहुत
ग़र दो इजाज़त तो,
पहलू में बैठ तुम्हारे,
रो लें क्या!
किसी राह, किसी मोड़ पर
मुलाक़ात होनी ही है
दिल के हर कोने में,
बात यही सँजो लें क्या!
यूँ तो बोझ बहुतेरे हैं इस जिंदगी में,
आप कहें तो इस बोझ को भी,
हम ही ढ़ो लें क्या!
बोलें भी तो बोलें क्या!
राज मन के आगे सबके,
खोलें क्या! #राही
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