"बचपन" कहानी बिल और अब्दुल की।
वैसे तो मेंरा मरने का कोई इरादा न था,
पर मरना सबको पड़ता है। ये तो वो सच है जो वाकई में
सच्चा सच है, पर कड़वा है और ड़रावना है। और मुझे
जब ये पता चला की मरने के बाद लोग जला देते है, तो मेरी मरने से और ज्यादा फटने लगी ।
एक दिन रात को अपनी दादी के पास लेटे हुए में यही
सोच रहा था कि कितना दर्द होता होगा जलने में आदमी कैसे धुँए और राख में तब्दील हो जाता होगा। #nojotophoto