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praveenjain4283
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Praveen Jain "पल्लव"

अंतर मन जब हो उदास , कीजिये पल्लव की कविता का रसपान।

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Praveen Jain "पल्लव"

पल्लव की डायरी
छाया है पूरा शहर,धुंध के आगोश में
अफरातफरी  का आलम है
चेतती नही सरकारे
दिल्ली आज फिर थमने के कगार पर है
पाबंदिया के साये में पब्लिक है
मगर प्रदूषण के बचाव में 
वाहनों से बसूली के फंड कहा पर है
सब जिमेदारी का दामोदर पब्लिक पर है
तो फिर रोल किया सरकारों का है
इनकी बेतुकी हरकतो से
दिल्ली आज दम तोड़ रही है
बीमारियो की जद में
 बच्चों बुजुर्गों को ले रही है
                                      प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #Yaari दिल्ली आज फिर थमने के कगार पर है

#Yaari दिल्ली आज फिर थमने के कगार पर है #कविता

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Praveen Jain "पल्लव"

पल्लव की डायरी
धरती रौंदी वाहनों से
आसमान गैसों से प्रदूषित है
कई प्रजातियां लुप्पत हो गयी
मानव की लोलुपता से
वन्य और चरवाह भूमि
हाइवे खा गये
रप्तार विकास की बढ़ाने में
डीजल पेट्रोल आसमान चढ़ गया
हिस्सा कमाई का खाता है
इसलिये साइकिल तक सीमित हो जाओ
वर्ना खतरे के सिंगल बढ़ने वाले है
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #BadhtiZindagi धरती रौंदी वाहनों से

#BadhtiZindagi धरती रौंदी वाहनों से #कविता

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Praveen Jain "पल्लव"

White पल्लव की डायरी
कानूनों से हाथ बाँधकर
अराजक व्यवस्था पनपी है
मनमाना रवैया सरकारों का
जनता के अरमानों की हदे तोड़ी है
अपराध जगत सियासतों के हाथों में
जब चाहे तब दंगो और बलबा करके
रोटियाँ राजनीतिक सेकी है
दूषित चरित्र राजनेताओं के हो
तो कैसे सभ्य समाज बन सकता है
अपराधबोध जिसे ना हो अपनी करनी का
वो देश समाज का किया भला कर सकता है
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #love_shayari अपराध बोध ना हो जिसे अपनी करनी का

#love_shayari अपराध बोध ना हो जिसे अपनी करनी का #कविता

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Praveen Jain "पल्लव"

White पल्लव की डायरी
दिन के भी उजाले, कम है
 तरक्की के लिये
नींद और चैन अपने गवाते गवाते
रातो को भी बाजार रोशन होने लगे है
जरूरतों जो कभी कम ना हुयी
जीवन रोज खपाते खपाते
दौड़ और होड़ की लगी है बाजी
मौत के आगोश में जाते जाते
                                         प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #good_night दौड़ और होड़ की लगी है बाजी

#good_night दौड़ और होड़ की लगी है बाजी #कविता

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Praveen Jain "पल्लव"

पल्लव की डायरी
  लाज शर्म के पर्दे खत्म
प्रदर्शन जिस्मो के है
घरो परिवारों से सुशोभित थी नारी
वह आज फूड कल्चरो में है
नर की बराबरी पर आने के लिये
सारी हदें तोड़ने पर है
हाथ बटाने नही परिवारों के
साजिशों के तहत बाजारों में है
अंग अंग की सजती नुमाइश
आबाद कॉस्मेटिक ,ब्यूटी पार्लर
फैशनों के सिम्बल है
खुद शिकार है नारी बदलाव के लिये
लज्जा शर्म संस्कारो  को छोड़कर
                                   प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #chaandsifarish लाज शर्म के पर्दे खत्म

#chaandsifarish लाज शर्म के पर्दे खत्म #कविता

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Praveen Jain "पल्लव"

पल्लव की डायरी
घुला जहर हवाओ में
दिल दिल्ली का प्रदूषित है
थम रही है सांसे इसकी
धुंधलापन और जलन आँखों में है
लाखो बहाने सरकारों पर है
हर साल का वो ही रोना है
चालान और जुर्माने बढ़ा देना ही
शासन प्रशासन का
 आपदा को अवसर बनाना है
टूट रहे है दिल दिल्ली वालों के
रोग मुफ्त में बट रहे है
दर्द अंग अंग में
एलर्जी से शरीर कट रहे है
                                     प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #InspireThroughWriting दिल दिल्ली का प्रदूषित है

#InspireThroughWriting दिल दिल्ली का प्रदूषित है #कविता

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Praveen Jain "पल्लव"

पल्लव की डायरी
दखल अब महँगाई का
सरेआम सता रहा है
सिकुड़ती कमाई आमजन की
सूनापन बर्तनों और कपो में छा रहा है
छूट गयी मेजबानी लोगो की ,चाय की
राशन दूध गैस पर 
अधिकार आमजन खोता जा रहा है
घर घर की दुर्दशा करके
मंत्र बटोगे तो कटोगे का दिया जा रहा है
डीजल पेट्रोल जाने किसके हवाले है
इसके मद से किसका विकास किया जा रहा है
                                            प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #chai छूट गयी लोगो की मेजबानी चाय की

#chai छूट गयी लोगो की मेजबानी चाय की #कविता

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Praveen Jain "पल्लव"

White पल्लव की डायरी
मुँह चिढ़ाती योजनाएं
नीतियां कब्र खोद रही
मुद्रा का स्तर डांवाडोल हो गया
मंहगाई का दम रुपया अब चौरासी में
एक डॉलर को चुनता है
सरकारे चुनने का परिणाम
जनता को हर दम भुगतना पड़ता है
समस्याओं का कारण, सियासतें है
जो विभाजन कौमो और धर्मो में करती है
निर्भरता जनता की,सरकारों पर बढ़ा दी
भर भर कर लूटा जाता  है
                                    प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #GoodMorning मुद्रा का स्तर डावाडोल हो गया

#GoodMorning मुद्रा का स्तर डावाडोल हो गया #कविता

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Praveen Jain "पल्लव"

White पल्लव की डायरी
ब्रह्मांड की सत्ता ही
आधार जीवन को देती है
सूरज चाँद हवा पानी
सांसो को रवानगी देते है
बदलते मौसम और ऋतुओं से
अनाज फलो सब्जियों की बेरायती
फसलों के माध्यम से देते है
बिना भेदभाव,बिना शुल्क
ना कोई कर ना टेक्स लेते है
इसकी सत्ता पर ऐसी टेक्नोलॉजी 
हर किसी जीव की सांसो पर अधिकार रखते है
कब शरीर से आत्मा निकल जाये
जन्म मरण का रहस्य पता नही चलने देते है
                                             प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #GoodMorning सूरज चाँद और हवा पानी,सांसो को रवानगी देते है

#GoodMorning सूरज चाँद और हवा पानी,सांसो को रवानगी देते है #कविता

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Praveen Jain "पल्लव"

White पल्लव की डायरी
शिकार पर निकला है शिकारी
भरम का जाल फैलाता है
जीत ना सका दिल जनता का
बटोगे तो कटोगे का डर
जनता को दिखाता है
उन्माद फैलाकर 
सत्ता को चूमना चाहता है
गायब हो गया राष्ट्रवाद
ख़ौप का प्रयोग करके
चुनावी वैतरणी पार करना चाहता है
                                          प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #life_quotes शिकार पर निकला है शिकारी

#life_quotes शिकार पर निकला है शिकारी #कविता

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