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कनक लता " ज़ज्बात "

स्वयं की खोज में

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कनक लता " ज़ज्बात "

रिश्ता तेरा - मेरा कुछ यूँ चलता रहे
मैं तुम्हें ढूंढती रहूँ.. तू मुझे ढूंढता रहे... #Love

Love

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कनक लता " ज़ज्बात "

Money Status Look Post
Are Not Everything

It's Thought !

Real Thoughs Reveal Transparently
In Your Karma ! #Krishna
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कनक लता " ज़ज्बात "

हम आपको पाना नहीं चाहते
पर किसी के होना नहीं चाहते प्रेम

#MereKhayaal

प्रेम #MereKhayaal #लव

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कनक लता " ज़ज्बात "

मेंहदी में जो तेरा नाम लिखूँ
शिव लिखूँ के श्याम लिखूँ #Krishna
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कनक लता " ज़ज्बात "

अच्छा लगता है
यूँ बिना किसी उम्मीद बिना किसी इंतजार के इंतजार करना
तुमसे अदावत रखकर तुम्हीं से प्यार करना #MereKhayaal
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कनक लता " ज़ज्बात "

बाँधकर सहर लाया है संदेशा इक राज
रवि - रश्मियों में भव लगे महाकाल के श्वास
मन में ओजस पुकार रहा वो बिखरा अधूरा साज
उठ फिर से , समेट मुझे और कर दे पूरा आज

हर बार , जब तूने हार देखी
पता है क्यों धार देखी ?
तू हारी , पर थमी नहीं
तू टूटी , पर बिखरी नहीं
तो अब ऐसे क्यों मौन है ?
क्या खामोशी से यूँ बिखर जाने को ?
खुद ही खुद से बिछड़ जाने को ?

देखी है वो जल - तरंग , बाँध तोड़कर बहती है
टकराकर चट्टानों से हवा जो नर्तन करती है
तेरा पहला प्यार कायनात की सरगोशी थी
किसी से कोई उम्मीद नहीं , तू खुद ही संतोषी थी
कुदरत तो तेरी मनमौजी ना थी
बस तासीर तेरी कुछ बागी थी

फिर क्या है जो तुझे रोक रहा
घड़ी - बे - घड़ी टोक रहा
छोड़ , ये बेकार के सवाल हैं
चक्रव्यूह नहीं , बस दिमागी झोल हैं

सोचा कभी तू कौन है ?
चल उठ , पंख तोल जरा
फिर आँधियों सी दौड़ जरा
फेंक बेड़ियाँ जो ढोये हैं
परछाइयों में खुद को खोये हैं
समेट कर अपने हिस्सों को
अब तो खुद सी बन कर जल
परछाइयों से क्या मिलना
तू खुद से मिलकर चल
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कनक लता " ज़ज्बात "

#AzaadKalakaar माटी मेरी सतरंगी रे सजन
अंतस् में जोग लगाए
जो जाने मेरी खुशबू निज मन में
फिर बस मेरा हो जाए

हूँ गाथा पुरानी जब वसु को गीता का प्रथम ज्ञान मिला
हूँ धरा वही जहाँ प्रथम ऊर्जा चक्र संधान किया
गणना की सरलता को शून्य का मान दिया
मैं हूँ वही जिससे जग ने सौर मंडल का सिद्धांत लिया

शील श्रांत बंधुत्व वदन जग जन को गले लगाया सदा
नभ धरा पवन नीर चहुँ दिश् कनक - कनक लहराया सदा
दुष्ट नीच अधम हर वार को सहन शील से समझाया प्रथम
धर्म - अधर्म के रण में तब रंग केसरी सजाया सदा

युग युगांतर की गाथा मैं
आज भी लेखन जारी है
पुरा - नवीन आयामों में प्रज्वलित सदा
मैं अखंड अनंत चिंगारी हूँ
मैं भारत हूँ स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ

#AzaadKalakaar

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ #AzaadKalakaar #समाज

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कनक लता " ज़ज्बात "

कुछ लोग कुत्ते की पूंछ होते हैं
लाख कुछ कर लो , सीधी होती ही नहीं
हम भी हैं
हाँ , हम भी हैं
टेढ़े , अड़ियल
एक बार जो लत पकड़ लें
फिर छोड़ते ही नहीं
शुकर है कि लत बुरी चीजों की नहीं

पर शुबहा क्या है ! . .
अरे भई ! वो कहते हैं ना ― अति बिगाड़े मति
नहीं , अति तो ना है कुछ की
परंतु जो भी है , जितनी भी है
वो मति धरने को काफी है

वो क्या है__ _
हम झगड़ू तो नहीं , पर थोड़े उखड़ू हैं
मगरूर तो नहीं , पर थोड़े अकड़ू हैं

जैसे भी हैं , हम अच्छे तो हैं
थोड़े करेले सही , दिल के सच्चे तो हैं
साफ हैं दिल के , अब भी बच्चे तो हैं
आप समझो आप कैसे हैं 😁😁 #नन्ही_मुन्नी_शरारत
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कनक लता " ज़ज्बात "

समझती हूँ जो भी कह रहे हो
तुम कभी मुझे समझ पाओगे क्या

मैं तो कह भी दूँ कुछ " ज़ज्बात "
तुम कभी इशारों में भी कह पाओगे क्या #प्रेम
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कनक लता " ज़ज्बात "

श्याम रंग जो रची चुनरिया
सकल जगत गोकुल धाम सखी ।
मैं जोगन शिव चरणन की
मधुबन भयो कैलास सखी ।।

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